शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका में आज फिर एक विवाद सामने आया है। मामला पकडी गई अमानक पॉलीथिन से जुड़ा हुआ है। नगर पालिका शिवपुरी के अमले ने 74 क्विंटल अमानक पॉलीथिन को जब्त किया था,इस पॉलीथिन को नियमनुसार शिवपुरी में ही जब्त किया जाना था लेकिन नगर पालिका ने इस पॉलीथिन का ऑनलाइन टेंडर कॉल कर दिल्ली की एक फर्म को मात्र 53 हजार रुपए दे दिया, इस बात का विरोध शिवपुरी वार्ड क्रमांक 20 के पार्षद ने किया और टेंडर को निरस्त करवा दिया।
जानकारी के अनुसार कुछ माह पूर्व शहर की देहात थाना पुलिस और नगर पालिका की टीम ने संयुक्त कार्रवाई की देहात थाने की सीमा से पॉलीथिन से भरा ट्रक पकड़ा था। इस ट्रक मे अमानक पॉलीथिन पाई गई थी जिसका वजन 68 क्विंटल 60 किलो था। वही नगर पालिका ने शहर में अपने अभियानो में 6 क्विंटल पॉलीथिन भी जब्त की थी। कुल मिलाकर नगर पालिका के पास 74 क्विंटल 60 किलो अमानक पॉलीथिन थी।
आफ लाइन टेंडर विनष्टीकरण के लिए लगाया
बताया जा रहा है कि नगर पालिका शिवपुरी ने इस अमानक पॉलीथिन को विनिष्करण के लिए लगाया था। आज दिल्ली की एक फर्म यह अमानक पॉलीथिन को को ट्रक लेकर पहुंच गई थी और इस 74 क्विंटल पॉलीथिन को भरवाना शुरू कर दिया था। इस बात की भनक शिवपुरी के वार्ड क्रमांक 20 कि पार्षद विजय विदांस को लग गई। पार्षद ने इस पॉलीथिन विनिष्करण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इस टेंडर को निरस्त करने की मांग की ओर पूरा मामला क्षेत्रीय सांसद और कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संज्ञान में दिया।
नियम विरूद्ध कार्य किया जा रहा था
पार्षद विजय बिंदास का कहना था कि विनष्टीकरण के प्रक्रिया नियम विरुद्ध है। इस पॉलीथिन को विनिष्ट करना था लेकिन नगर पालिका ने ऑफलाइन टेंडर लगाकर इसे बेच दिया,यह ठेकेदार 50 किलो पॉलीथिन को कही पर भी नष्ट कर देता फिर यह अमानक पॉलीथिन शिवपुरी के बाजार में ही बिक जाती। कुल मिलाकर यहां एक सिंडिकेट काम कर रहा था और वह अपने मंसूबों में कामयाब भी हो गया था। नियमानुसार इस पॉलीथिन का विनिष्करण नगर पालिका स्वयं को ही करना था। कोई व्यक्ति इस पॉलीथिन का विनष्टीकरण करता तो नगर पालिका से उल्टे पैसे लेता देता नही। इस कारण ही इस आपत्ति लगाई गई है और इस टेंडर को निरस्त कर दिया है।