SHIVPURI की प्रियंका दांगी शादी के 12 साल बाद PSC फाइट कर बनी असिस्टेंट प्रोफेसर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। कहा जाता है कि संसार की सबसे बड़ी शक्ति इच्छा शक्ति होती है इसी इच्छाशक्ति के बल पर सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय की स्टूडेंट प्रियंका दांगी अपनी शादी के 12 साल बाद ने  PSC के प्रथम प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई,इसमे सबसे खास बात यह है कि साक्षात्कार में प्रियंका दांगी ने ज्यूरी मेंबर को बताया कि फिल्मी गीत पर पैरोडी के माध्यम से कठिन से कठिन विषय को आसानी से समझा जा सकता है,यह फिल्मी पैरोडी गीत सुनाया,शिक्षा की प्रति स्टूडेंट को आकर्षित करने के इस नए फॉर्मूले के कारण साक्षात्कार में 100 से 91 अंक मिले है।

जून 2003 में हुई थी प्रियंका दांगी की शादी

प्रियंका दांगी ने मीडिया को बताया कि एमएससी करने के बाद उनकी शादी जून 2003 में प्रदीप सिंह दांगी जो विद्युत विभाग में सेवारत हैं उनसे हो गई की इसके बाद एक बेटी और फिर बेटा हुआ जिसे पढ़ाने जिम्मेदारी निभाने में मुझे बड़ा मजा आया। घर में दो देवर थे जिनमें छोटे देवर गजेंद्र दांगी को जब नवोदय परीक्षा तैयारी कराई तो उन्हें सफलता मिल गयी।

देवर ने किया भाभी को प्रोत्साहित

इसी तरह बड़े देवर को भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हुए देखा तो कुछ सवालों के जवाब जब वह रट रहे होते थे तो मैं वैसे ही बता देती थी। क्योंकि मैंने अपनी पढ़ाई पर बेहद फोकस किया था। लेकिन संयुक्त परिवार में शादी होने और बच्चों की जवाबदारी आ जाने के चलते मैं अपना करियर आगे नहीं बना मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हमेशा रही।

यही वजह है कि जब बार-बार देवर ने प्रोत्साहन किया कि भाभी आप तो PSC की तैयारी करो। तो हमने पहले नेट और फिर गेट परीक्षा उत्तीर्ण की। और इसके बाद जब कॉलेज में प्रोफेसर बनने  PSC का विज्ञापन देखा तो फार्म भर दिया और घर गृहस्थी के काम, सास-ससुर की सेवा करते हुए तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने नेट, गेट परीक्षा उत्तीर्ण कर जब  PSC की लिखित परीक्षा दी तो वह अपनी मेहनत से मध्य प्रदेश में पहले स्थान पर रहीं।

मेंस परीक्षा में 576 अंक मिले

मेस परीक्षा में 144 सवाल हमारे सही रहे। हर प्रश्न के चार अंक रहते हैं जिनमें हमें 576 अंक मिले। जबकि साक्षात्कार में हमें 100 में से 91 अंक मिले। नतीजा यह यहा कि पहले ही प्रयास में प्रियंका को असिस्टेंट प्रोफेसर बनने में सफलता मिल गयी। उन्होंने मध्य प्रदेश की रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया।

इंटरव्यू में मिले 100 में से 91 अंक

साक्षात्कार के दौरान ज्यूरी मेंबर से उन्होंने यह भी कहा कि उनकी हॉबी पैरोडी लिखना है। और किसी भी फिल्मी गीत पर पैरोडी के माध्यम से कठिन से कठिन विषय को आसानी से समझा जा सकता है। इसलिए मैंने मध्य प्रदेश के जिलों के नाम के साथ-साथ समसामयिक विषयों पर कई पैरोडी लिखी। जिसे जूरी सदस्यों ने सुनी और सराहा।

फिर सवाल करते हुए जूरी मेंबर ने कहा कि आपको पैरोडी कर शौक है तो फिर यू-ट्यूब पर जाकर काम क्यों नहीं शुरू करते। तो जवाब में प्रियंका बोलीं- कर तो सकती हूं लेकिन मेरा शौक विद्यार्थियों को पढ़ाना है। वर्तमान की शिक्षा पद्धति में छात्रों का कॉलेज आना लगभग बंद सा हो गया है। यदि उन्हें नियमित अभ्यास रोचकता के साथ कराया जाए तो एक बार फिर से इस दिशा में अभी नई पहचान बनाई जा सकती है।