शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पोलो ग्राउंड पर स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा लगाया जा रहा है। स्वदेश जागरण मंच सरकार की इकाई नही है बल्कि आरएसएस की एक संगठन है।
मेला भव्य रूप से लगे और इसका सफलता मिले इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है लेकिन इस मेले को सरकारी साया प्राप्त हो चुका है इसका प्रथम उदाहरण इस मेले के एक खबर का जनसंपर्क कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर सिद्ध कर दिया है वही इस मेले को पोलो ग्राउंड में लगाने की परमिशन को लेकर भी सोशल पर बहस ने जन्म दे दिया है।
स्वदेशी जागरण मंच हमेशा से आत्मनिर्भरता, भारतीय उत्पादों और स्वदेशी तकनीक के प्रचार-प्रसार का समर्थन करता रहा है। लेकिन इस बार शिवपुरी जनसम्पर्क विभाग ने जिस तरह से एक सरकारी समाचार जारी कर इस आयोजन का प्रचार किया है, उसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब संघ के कार्यक्रम भी सरकारी दायरे में आ गए हैं इस प्रकार के सवाल सोशल पर उठ रहे है।
संघ की अब तक की परंपरा यह रही है कि वह सरकार से दूरी बनाकर स्वायत्त रूप से कार्य करता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि संघ से जुड़े कई संगठनों को सरकारी सहयोग और विशेष समर्थन मिलने लगा है। शिवपुरी में स्वदेशी मेले को लेकर जिस तरह से सरकारी मशीनरी सक्रिय हुई है, उससे यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या संघ की स्वतंत्रता पर सरकार का प्रभाव बढ़ रहा है?
यह मुद्दा केवल शिवपुरी तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक व्यापक विमर्श का विषय है कि सरकार और संघ के बीच की परंपरागत दूरी कितनी बनी रहेगी।
पोलो ग्राउंड मे अनुमति उठे सवाल
शिवपुरी का पोलो ग्राउंड खेल गतिविधि के लिए आरक्षित है लेकिन इस मेले को भव्यता प्रदान करने के लिए आधे पोला ग्राउंड को घेर लिया है लगभग 180 दुकान लगाने लिए गड्ढे खोद दिए गए है।
सोशल पर लिखा जा रहा है कि यहां सुबह ऐसे बच्चे प्रैक्टिस करने के लिए आते है जो सेना या किसी सैनिक फोर्स की तैयारी कर रहे है इस मेले के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड रहा है। वही ग्राउंड पर खेलने वाले खिलाड़ियों पर असर पड़ रहा हैं।