SHIVPURI NEWS -महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया है शिवपुरी के मजदूरों को ,जानवरों जैसा सलूक

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के करैरा तहसील के उकायला के मजरा मार के सहराना में रहने वाले 4 आदिवासी परिवारों को महाराष्ट्र में बंधक बना लेने की खबर मिल रही है। परिवार सहित मजदूरी करने गए इन परिवारों के 7 नाबालिग बच्चे भी है। बताया जाता है कि गन्ना काटने की मजदूरी प्रति क्विंटल 300 रु. तय करके महाराष्ट्र ले गए। खेतों पर काम शुरू करने पर प्रति टन (10 क्विंटल) के हिसाब से 300 रु. मजदूरी दी जा रही है। इधर परिजन चारों दंपत्ति सहित 7 बच्चों की सुरक्षित घर वापसी के लिए नेता व अफसरों से गुहार लगा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक करैरा के ग्राम उकायला मजरा मार का सहराना चार आदिवासी दंपत्ति को डेढ़ माह से महाराष्ट्र के राबर गांव में शंकर पटेल व नारायण पटेल नामक व्यक्ति के गन्ना खेत में बंधुआ मजदूरी करने को मजबूर हैं। बंधुआ मजदूरों में बबलू आदिवासी व पत्नी सुमन आदिवासी सहित तीन बेटियां नंदनी, संगीता व पूजा और बेटा रोहित, रामहेती व पत्नी कैलाश सहित बेटी सपना, राशि, उम्मे व सपना सहित डेढ़ साल बेटी शामिल हैं। चौथा दंपत्ति रामचरण आदिवासी व पत्नी रेखा आदिवासी शामिल हैं।

रामचरण आदिवासी ने मीडिया को फोन पर चर्चा में बताया कि मगरौनी का भगत जी की ससुराल उकायला गांव में है जो महाराष्ट्र के सांगली जिले का ग्राम पड़ारी निवासी अशोक पटेल को लेकर आया था। एक क्विंटल गन्ना काटने पर 300 रु. मजदूरी तय हुई। इसके बाद बस से महाराष्ट्र के राबर गांव ले गए। यहां आकर मजदूर 10 क्विंटल गन्ना काटने पर 300 रु. मजदूरी दी गई। महाराष्ट्र के राबर गांव में फंसे हुए डेढ़ महीने से ज्यादा समय हो गया है।

10 गुना कम मजदूरी में दो दिन में 1 ट्रॉली गन्ना कटवा रहे रामचरण ने बताया कि हम चारों मजदूर दंपत्ति हर दो दिनों में 1 ट्रॉली गन्ना काट देते हैं। दो दिन की हाड़तोड़ मेहनत करके 7 से 10 टन (70 से 100 क्विंटल) गन्ना काट रहे हैं। टन के हिसाब से दो दिन में 2100 रु. से 3 हजार रु. मजदूरी दे रहे हैं। जबकि क्विंटल के हिसाब से 21 हजार से 30 हजार रु. मजदूरी मिलनी थी। हालात यह हैं कि जो मजदूरी मिलती है, उससे दो समय की रोटी की व्यवस्था हो रही है।

घर वापसी के एवज में 10-10 हजार रु. मांग रहे
रामचरण आदिवासी का कहना है कि हमने काम से पहले एडवांस 5-5 हजार रु ले लिए थे। पूरी मजदूरी चुका दी, लेकिन हम पांचों पर 11-11 हजार रु. और निकाल दिए। गन्ने काटकर 11-11 हजार रु. और चुका दिए। जब वापस घर जाने की बात कही तो कहने लगे कि 10-10 हजार रुपए दो तभी घर जाने देंगे।

आदिवासी परिवारों को वापस लाया जाएगा
महाराष्ट्र में जिन आदिवासी दंपत्ति परिवारों से बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही है, उनकी सुरक्षित वापसी करवाएंगे। संबंधित जिले के जिला कलेक्टर से संपर्क करेंगे। मजदूरों को वापस शिवपुरी लाया जाएगा।
आशीष तिवारी, श्रम पदाधिकारी, श्रम विभाग जिला शिवपुरी