शिवपुरी। पुलिस की साइबर टीम ने शुक्रवार को एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर को साढ़े पांच लाख की ठगी का शिकार होने से बचा लिया। साइबर टीम ने बैंक कर्मियों द्वारा संदिग्ध ट्रांजेक्शन की सूचना पर बैंक जाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह एक रिटायर्ड आर्मी अधिकारी स्टेट बैंक आफ इंडिया की गुरुद्वारा ब्रांच पर पहुंचे। वहां उन्होंने एक बैंक खाते में साढ़े पांच लाख रुपये ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की। बैंक कर्मियों ने जब बैंक का आईएफएससी कोड चेक किया तो वह पश्चिम बंगाल के रामपुर घाट का दिखा। बैंककर्मियों को ट्रांसफर संदिग्ध लगा तो उन्होंने सायबर सेल को मामले की सूचना दी।
सूचना पर सायबर टीम प्रभारी एसआई धर्मेन्द्र जाट व उनकी टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने आर्मी के रिटायर्ड अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एक वाट्सएप ग्रुप की लिंक आई थी। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया तो वह एक वाट्सएप ग्रुप में जुड़ गए। ग्रुप में उन्हें आईपीओ में इन्वेस्ट करवाने और शेयर मार्केट से हाई रिटर्न के बारे में बताया गया है। साइबर टीम ने जब ग्रुप के नंबरों पर काल किया तो सभी फोन नंबर स्विच ऑफ थे।
नंबरों पर सिर्फ वाट्सएप चालू था। कोई भी व्यक्ति वीडियो कॉल कर आने के लिए तैयार नहीं हुआ, सिर्फ मैसेज पर ही बात कर रहे थे। जब नंबरों को खंगाला तो सभी नंबर अलग-अलग राज्यों के थे। सायबर की टीम ने किसी तरह आर्मी के रिटायर्ड अधिकारी को यह समझाया कि यह फ्रॉड है। यह शेयर मार्केट में हाई रिटर्न के नाम पर ठगी कर रहे हैं। उन्हें यह बात समझ आई और वह अपना पैसा वापस ले गए।
साइबर अपराध से ऐसे बचें
सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट व इन्वेस्टमेंट के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप, टेलीग्राम ग्रुप पर भरोसा कर पैसा न दें।
किसी भी फोन काल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी या राशि किसी के साथ साझा ना करें।ओटीपी को किसी से साझा न करें।