SHIVPURI NEWS - बर्खास्त शिक्षक है पत्रकार शाक्य, ब्लैकमेलिंग से खुला शिक्षा विभाग का काला चिठ्ठा

Bhopal Samachar

ललित मुदगल @ एक्सरे। शिवपुरी के पत्रकार रोहित शाक्य पर एक अतिथि शिक्षक से 10 हजार रुपए ब्लैकमेल करने का आरोप लगा है इस मामले की शिकायत सिटी कोतवाली पुलिस को की गई है। वही पत्रकार रोहित शाक्य उर्फ पुनीत शाक्य ने भी एक शिकायती आवेदन सिटी कोतवाली पुलिस में दिया है। इस रिश्वत काण्ड में शिक्षा विभाग का काला काण्ड बहार निकलकर सामने आया है। पत्रकार रोहित शाक्य एक्स अतिथि शिक्षक था और एक वायरल वीडियो के मामले में सस्पेंड किया था साथ मे इस वायरल वीडियो कांड में 8  शिक्षक भी सस्पेंड हुए थे आइए इस मामले का एक्सरे करते है।


जानिए पहले पत्रकार रोहित शाक्य उर्फ पुनीत शाक्य के विषय में

पुनीत शाक्य एक्स अतिथि शिक्षक है और अपने आप को स्काई टीवी चैनल का पत्रकार बताते है और शिवपुरी पीआरओ ऑफिस की पत्रकारों की सूची में नाम दर्ज है।

बीते 6 मार्च 2024 को आयोजित मप्र बोर्ड की 8वीं और 5वीं क्लास की परीक्षा के समय शिवपुरी विकासखंड के मोहनगढ़ परीक्षा केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित हुआ था।  इस वीडियो में  कुछ शिक्षक नकल की चिट तैयार करते देखे गए। इस मामले में शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए आठ शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। केंद्राध्यक्ष को हटा दिया गया है। जबकि एक अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्ति के लिए कार्यवाही तेज शुरू की गई है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार वीडियो में दिखे शिक्षकों की पहचान कैलाश जाटव, वृंदावन लाल योगी, दीपिका लोधी, केशव राम भगत, रूपेंद्र सिंह वरुण,उम्मेद सिंह रावत के रूप में हुई। जो पास के स्कूलों में पदस्थ हैं और केंद्र पर ड्यूटी न होने के बावजूद वहां मौजूद थे।

इसी केंद्र पर अतिथि शिक्षक पुनीत शाक्य प्राथमिक विद्यालय पटपरा ने अनाधिकृत तौर पर मोबाइल लेकर परीक्षा केंद्र में घुसने का प्रयास किया व रोकने पर केंद्राध्यक्ष शिवकुमार मित्तल से अभद्रता के आरोप लगे थे और इसी आरोप में पुनीत शाक्य की सेवा समाप्त कर दी थी। यह पुनीत शाक्य वर्तमान समय में रोहित शाक्य के रूप में 10 हजार की ब्लैकमेलिंग का आरोप झेल रहा है।

अतिथि शिक्षक शिवलाल धाकड़ ने की है शिकायत

अवधेश धाकड पुत्र श्री रंगीलाल वर्मा निवासी शिवपुरी ठर्रा संकुल के लंगरपुर के माध्यमिक स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप मे पदस्थ थे। अवधेश धाकड ने सिटी कोतवाली पुलिस को अपने आवेदन के माध्यम से बताया कि 17 जनवरी को लंगरपुर माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य रोहित भार्गव को पत्रकार रोहित उर्फ पुनीत शाक्य का फोन आया कि तुम्हारे यहां जो  अतिथि शिक्षक है उससे 10 हजार रुपए दिलवाओ। जब मैने रोहित शाक्य से संपर्क किया तो उसने कहा कि में पत्रकार बोल रहा हूं और में प्रत्येक अतिथि से पैसा लेता हूं नहीं तो तुम्हें नौकरी से हटवा दूंगा। मैंने पैसा नही दिया तो उसने मुझे नौकरी से हटवा दिया।

यह बोले रोहित भार्गव

इस मामले में में शिवपुरी समाचार डॉट कॉम से बातचीत मे बताया कि किसी पत्रकार राहुल शाक्य का मेरे पास फोन आया था और उसने अतिथि शिक्षक अवधेश धाकड को हटाने की मांग की थी,मैंने उससे कहा था कि आप आपत्ति दर्ज करा दे।

स्कूल प्राचार्य रोहित भार्गव ने बताया कि उसने मुझे मेरे घर महल कॉलोनी के पास बुलाया और कहा कि अतिथि शिक्षक अवधेश धाकड को हटा दो। उससे मैंने पूछा कि आपको क्या परेशानी है तो उसने कहा कि मुझे इससे 10 हजार रुपए दिलवाओ,इसके बाद उसने कई बार मुझे कई बार फोन पर पैसे मांगें

सबसे खास बात, इस मामले में

अतिथि शिक्षक इस प्रकरण के बाद हटा दिया गया। अतिथि शिक्षक को वरिष्ठता के आधार पर हटाया गया है। इस मामले को लेकर किसी सिरनाम नाम के शिकायतकर्ता ने अतिथि शिक्षक की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर 18 जनवरी को की है और 18 जनवरी को ही शिक्षक को पद से हटा दिया गया। इस सीएम हेल्पलाइन की जांच कुछ ही घंटो में कर दी गई। यह एक जांच का विषय शिक्षा विभाग में हो सकता है इस प्रकरण में इस ब्लैकमेलिंग काण्ड शिक्षा विभाग के बडे स्तर पर अधिकारी भी जुडे है।

ठर्रा संकुल के 47 नंबर पर नाम था अवधेश धाकड़ का

इस पूरे मामले में जब शिवपुरी समाचार ने जानकारी एकत्रित की तो जानकारी मिली की अतिथि शिक्षक अवधेश धाकड़ का संकुल ठर्रा की सूची में 47वें नंबर पर नाम था। इससे पूर्व कई पात्र लोग भी थे। फिर भी नियुक्ति अधिकारी ने अवधेश धाकड़ की नियुक्ति कर ली। मामला शिकवे शिकायत विवाद तक पहुंचा तो हटा दिया गया। अगर वरिष्ठता सूची की बात करे तो अवेधश धाकड़ ने किसी भी अभ्यार्थी से एनओसी नहीं ली।

कुल मिलाकर इस काण्ड से शिक्षा विभाग का काला सच बहार आ गया कि जिले में भर्ती की गए अतिथि शिक्षकों में रिश्वत ली गई है। अगर इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो जिले में सैकड़ों अतिथि शिक्षकों की भर्ती रिश्वत की दम पर नियमों की खूंटी पर टांग कर की गई है। इस मामले में जब डीईओ से संपर्क करने का प्रयास किया तो संपर्क नहीं हो सका। 

अब पढ़िए शिक्षा विभाग का अनपढो जैसा काम

शिकायत कर्ता अतिथि शिक्षक अवधेश धाकड पूर्व में लंगरपुर स्कूल मे शिक्षक के रूप में पदस्थ था अवधेश धाकड़ की नियुक्ति विकलांग कोटे में थी बाद में जांच में विकलांग सर्टिफिकेट फर्जी निकला था। इस मामले में सेवाएं समाप्त कर दी थी। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने FIR के लिए पुलिस को चिट्ठी भी लिखी थी,इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर से बात की तो उन्होने कहा कि मैने विकलांग सर्टिफिकेट वाले में मामले में थानो में चिट्ठी लिख दी थी उसके बाद मुझे जानकारी नहीं है।