हार्दिक गुप्ता कोलारसनामा। खबर शिवपुरी जिले के कोलारस जनपद की ग्राम पंचायत साखनौर से मिल रही है,जहां सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है। पंचायत में सरकारी पैसे के भवन का निर्माण निजी जमीन में करा दिया ओर इस भवन को किराए पर भी चढा दिया। इस मामले को शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था इस खबर पर असर हुआ और जिला पंचायत सीईओ ने तत्काल इस मामले की जांच करने के लिए एक दल का गठन कर दिया था।
इस जांच समिति को 5 दिवस में जांच कर अपना प्रतिवेदन देना था लेकिन अभी तक इस मामले को 60 दिवस से अधिक हो गए है। मामला जिला पंचायत सीईओ के संज्ञान में है,इस मामले में मीडिया को जिला पंचायत सीईओ बयान देते है कि इस मामले को गंभीरता से लेगें लेकिन आज तक मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
पहले समझे मामले को
ग्राम पंचायत साखनौर में साल 2022-23 में सामुदायिक स्वच्छता परिसर के लिए 3 लाख 48 हजार की राशि स्वीकृत हुई थीं । ग्राम पंचायत के सरपंच उषा देवी लोधी व तत्कालिन सचिव ने स्वच्छता परिसर के नाम पर निजी जमीन पर मकान तान दिया। बताया जा रहा है कि इसमें डीजे व किराना दुकान संचालित की जा रही थीं। यह स्वच्छता परिसर सरपंच ने अपने रिश्तेदार की जमीन पर बनवा कर स्वयं को फायदा पहुंचाने के लिए बनवाया था लेकिन मामला सुर्खियों मे आने के बाद अब इस मामले मे सरपंच सचिव के द्वारा लीपापोती की जा रही है। इस ग्राम पंचायत की सरपंच उषा देवी लोधी के पति संतोष लोधी भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के लुकवासा मंडल के अध्यक्ष है इस कारण अधिकारी इस मामले में हाथ डालने से बच रहे है।
शिवपुरी समाचार की खबर के बाद बना जांच दल
इस मामले को शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामला सुर्खियों में आने के बाद अब इस मामले में सरपंच सचिव के द्वारा लीपापोती की जा रही है। इस मामले की जांच के लिए जनपद कार्यालय कोलारस के बीपीओ अभिलाख सिंह,आदित्य सेंगर उपयंत्री, मेहरबान यादव बीसी को इस मामले की जांच करनी थी। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन ने इस मामले की जांच 5 दिन में पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन आज दिनांक तक इस मामले की जांच नहीं हुई है।
सवाल बनता है कि क्या उक्त मामले को दबाने के लिए जांच मे देरी की जा रही है चुकि नियत समय में जांच पूरी न होने से जांच दल पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है
सरपंच, सचिव सहित उपयंत्री पर गिर सकती है गाज
सरपंच सचिव द्वारा दिए गए ठहराव प्रस्ताव के आधार पर जनपद के उपयंत्री व अन्य अफसरों की भी मिलीभगत से जमीन पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण कार्य करने की प्रशासनिक अधिकारियों ने टीएस व एएस जारी की थी। तत्कालीन सब इंजीनियर ने इसी काम की एमबी स्वीकृति कर दी। इसलिए सरपंच, सचिव के साथ उपयंत्री की मिलीभगत सामने आ रही है। अब देखना होगा कि जांच में किस किस को जिम्मेदार ठहराया जाता है
यह बोले जांच दल के अधिकारी
इस मामले को लेकर जांच दल में शामिल बीपीओ अभिलाख सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमने आज जांच पूरी कर ली है,सरपंच जमीन के विषय में बता नहीं रहा है इसलिए इस जमीन को लेकर इस हल्के के पटवारी को लिखा जाएगा,उसके बाद वस्तुस्थिती की सटीक जानकारी मिलेगी।
इनका कहना है ...
साखनौर के सामुदायिक स्वच्छता परिसर का मामला मेरे संज्ञान में है उसमे जांच दल गठित किया जा चुका है जांच अभी तक पूरी क्यो नही हुई इसको दिखवाते है।
हिमांशु जैन,जिला पंचायत सीईओ