शिवपुरी। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हो पा रहा है। जिसकी बानगी इन दिनों जिला अस्पताल में देखी जा सकती है। सर्जिकल, मेडिकल, प्रसूति, बच्चा वार्ड या एसएनसीयू हर वार्ड में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं। एसएनसीयू में एक वार्मर मशीन पर दो नवजात शिशु भर्ती हैं।
जिससे नवजातों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ गया है। अस्पताल में जगह की कमी के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। बता दें जिला अस्पताल में 400 बेड के लिए ही जगह है।
इन दिनों मरीजों की संया बढ़ने पर प्रबंधन को मजबूरन अस्पताल की गलियों अतिरिक्त बेड लगाकर 600 मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। पिछले पांच दिन से ओपीडी के आंकड़ों पर नजर डालें तो 800 से 900 मरीज रोजाना इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें से प्रतिदिन औसतन 100 नए मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
21 से 22 जनवरी को 150 से अधिक नए मरीज अलग-अलग वार्डों में भर्ती हुए हैं। जिससे जिला अस्पताल पर रोजाना मरीजों का लोड बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गलियों में भर्ती हो रहे मरीज
जिला अस्पताल के वार्डों की गलियों में बेड लगाकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। बुधवार को किए सर्वे में मरीजों का कहना है उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में डॉक्टर कभी कभी भ्रमण पर आते हैं। वरिष्ठ डॉक्टर भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
इस मौसम में लोगों के बीमार होने का कारण इंफेक्शन लगातार बढ़ता जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे बचने लोगों को स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। जिला चिकित्सालय के सीएस डा. बीएल यादव का मानना है कि पिछले दिनों लगातार बूंदाबांदी व बदली छाने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।
तेजी से बदलते मौसम में बीमारी की संभावना अधिक रहती है। डॉ. यादव ने बताया कि मौसम में अचानक परिवर्तन के कारण अस्पताल में अभी मरीज की संया में इजाफा हुआ है। ऐसे मौसम में साफ सुथरा और गर्म भोजन करना चाहिए। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो समस्या और बढ़ सकती है। जिन्हें जल्दी जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं, उनका इयून सिस्टम कमजोर होता है। ऐसी महिलाओं को अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना
वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार पत्राचार कर चुका प्रबंधन
समस्या को लेकर जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया कि अस्पताल में जगह का अभाव चल रहा है। इस बारे में अस्पताल प्रबंधन की ओर से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कलेक्टर के माध्यम से कई बार पत्राचार कराया। इसके बावजूद जिला अस्पताल के पुराने भवन को बढ़ाने के बारे ने कोई निर्णय नहीं लिया गया। यह समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है।
जगह कम, इसलिए हो रही समस्या
जिला अस्पताल में जगह की कमी है। इसलिए गलियों में बेडा लगाकर काम चला रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर केंद्रीत्री सिंधिया को भी कलेक्टर के माध्यम से पत्राचार करा चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
डॉ बीएल यादव, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल