शिवपुरी। शिवपुरी जिले के विधायक शिक्षा के प्रति कोई रुचि नहीं ले रहे है। शिवपुरी के स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलो की सूची विधायक और सरकार को भेजी थी जिनकी मरम्मत होनी थी। स्कूल के भवर जर्जर हो चुके है। जिले में बनी सूची में लगभग 2400 स्कूलो के लिए पैसा की डिमांड भेजी थी लेकिन जिले के आधा सैकड़ा स्कूलों के मरम्मत के लिए पैसा आया है।
इस सूची की अगर विधानसभा के हिसाब से बात करे तो करैरा विधानसभा में 350 प्राइमरी स्कूल,79 मिडिल स्कूल और प्राइमरी ओर 46 मिडिल स्कूल ऐसे थे जिनके लिए शिवपुरी के स्कूल शिक्षा विभाग ने बजट की मांग की थी।
इसमें 277 स्कूल ऐसे थे जिनकी बाउंड्री वाल का निर्माण किया जा सके। स्कूल और स्टाफ सहित बच्चों को एक सुरक्षित कैंपस दिया जा सके,वही 252 स्कूलों की मरम्मत के लिए पैसा मांगा गया था। वही कुछ नए स्कूल खोलने के लिए नए भवनो की आवश्यकता थी।
सरकार ने मांग गए बजट पर कैंची चलाते हुए केवल जिले में आधा सैकड़ा स्कूलों के लिए बजट दिया है। सूची में ऐसे स्कूली भवन थे जिनमें वर्षा काल में बच्चों को पढा नही सकते और बरसात होने पर बच्चो की छुट्टी कर दी जाती थी,ऐसे भी भवना के लिए पैसा ही मिला है।
विधायक भी चुप,शिक्षा का तमाशा देख रहे है
इस मामले में करैरा विधानसभा के विधायक रमेश खटीक ने ध्यान नही दिया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल है जो खतरनाक मोड पर पहुंच चुके है। सरकार ने फंड पर कैची चला दी विधायक जी भी चुप रहे,कुल मिलाकर विधायक भी अपने क्षेत्र मे शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद पर मौन धारण कर लिया। सरकार से लड नही,बजट के लिए कोई विशेष प्रयास माननीय ने नहीं किया है। इससे प्रतीत होता है कि हमारे प्रतिनिधि शिक्षा के प्रति कितने जागरूक है।