SHIVPURI NEWS - सीवर प्रोजेक्ट: मार्च तक शेष कामो का वर्क आर्डर नहीं तो फंड राजसात होगा

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी शहर में झील संरक्षण परियोजना के तहत अस्तित्व में आया 1 हजार मिलियन खा चुका सीवर प्रोजेक्ट पर लगातार सवाल उठ रहे है। सीवर प्रोजेक्ट निर्माण पर काम करने वाली कंपनी ने दावा किया है कि सीवर का 95 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है,वही बाकी बचे कामो के लिए अगर डीपीआर नहीं बनती है तो मार्च में इस प्रोजेक्ट का फंड लैप्स हो जाऐगा।  

शहर के 9 वार्डों में नहीं पहुंची है सीवर लाइन
झील संरक्षण परियोजना के तहत 111.55 करोड़ की स्वीकृति से 95% काम कराया
सीवर लाइन बिछाने से ये 9 वार्ड व आसपास का क्षेत्र छूटा शहर के वार्ड 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35 एवं आस-पास के क्षेत्र हैं है जहां सीवर लाइन अभी नहीं बिछाई जा सकी है। नगर पालिका सीवर लाइन बिछाने वार्डों का सर्वे कराएगी। साथ ही हाउस कनेक्शन सर्वे कर डीपीआर स्वीकृत की जाएगी।

राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक रखी गई

शिवपुरी शहर की सीवरेज परियोजना को लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक रखी गई। बैठक में पीएचई और नगर पालिका अधिकारियों से जानकारी ली गई। बैठक में तय किया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग थर्ड पार्टी के रूप में तकनीकी संस्थान सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज या आईटीआई कॉलेज से सीवरेज परियोजना के कार्यों का ऑडिट कराएगा।

आडिट के बाद प्रोजेक्ट का संचालन करेगा नपा

ऑडिट में कमियां आने पर सुधार कार्य कराए जाएंगे।  पूरी संतुष्टि के बाद ही नगर पालिका हैंडओवर लेकर सीवर कनेक्शन कराएगी। सीवर प्रोजेक्ट का संचालन नगर पालिका करेगी।

इस कारण अस्तित्व में आया प्रोजेक्ट

बता दें कि शिवपुरी शहर की पूरी गंदगी नाले के जरिए जाधव सागर से होते हुए नेशनल पार्क शिवपुरी की चांदपाठा झील व माधव लेक को प्रदूषित कर रही है। झील संरक्षण परियोजना के तहत शिवपुरी शहर में 111.55 करोड़ से सीवर प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दो फेस में काम कराए हैं।

वर्क ऑर्डर नहीं हुआ तो राशि राजसात होगी

नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल ने नगर पालिका को स्पष्ट रूप से अवगत कराया है कि सीवरेज प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर मार्च 2025 के पहले कायदिश जारी नहीं किए तो भारत सरकार द्वारा योजना के तहत स्वीकृत राशि राजसात कर ली जाएगी।

चैंबर सफाई कर रही है निर्माण कंपनी

सीवर लाइन निर्माण के दौरान अधिकांश जगह मलबा भरा पड़ा है। 35% से 40% मलबा ही निकाला जा चुका है। ठेकेदार आरके अग्रवाल का कहना है कि मलबा निकालकर सीवर लाइन सफाई में 5 टीमें लगी हैं। लेकिन पीएचई

दो फेस में काम कराया

राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना शिवपुरी को 111.55 करोड़ रु. स्वीकृत किए हैं। टेंडर निकालकर पहले फेस में जल मल शोधन यंत्रालय एवं फेस-2 में ट्रंक मैन, ब्रांच लाइन एवं सीवरेज नेटवर्क का कार्य कराया है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पहले ही बनकर तैयार है। सिर्फ ट्रायल टेस्टिंग रह गया है। निर्माण कंपनी का कहना है है कि अभी 1.85 करोड़ के बिल का भुगतान नहीं किया है। यदि भुगतान जल्द होता है तो लेबर बढ़ाकर मार्च 2025 तक सफाई का काम पूरा करा देंगे।

सीवरेज परियोजना के कार्यों का थर्ड पार्टी द्वारा ऑडिट किया जाएगा

हैंडओवर से पहले सीवरेज परियोजना के कार्यों का थर्ड पार्टी द्वारा ऑडिट किया जाएगा। शहर के जिन वार्डों में सीवर लाइन नहीं बिछी है, अमृत 2.0 से कार्य कराया जाएगा। सीवर कनेक्शन के लिए हाउस कनेक्शन सर्वे करा रहे हैं। इशांक धाकड़, सीएमओ, नगर पालिका शिवपुरी