SHIVPURI NEWS - समस्या का समाधान नही,जलेगी अर्थी, कराया जाएगा मुंडन,तेरहवीं भी होगी

Bhopal Samachar

पिछोर। शिवपुरी जिले के पिछोर-खनिधायाना क्षेत्र में किसानों की समस्या को लेकर किसानों का धरना पिछोर में पिछले 12 दिन से जारी है। 12 दिन के धरने के बाद भी किसानों की कोई सुनवाई नहीं होने के कारण शिवपुरी जिला पंचायत के सदस्य मनीराम लोधी ने आज पिछोर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है

मनीराम लोधी को कहना है कि  26 नवंबर 2024 को किसानों की समस्याओं को लेकर पत्र सौंपा था और एसडीएम कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया था यह धरना आज भी अनवरत जारी है,लेकिन आज दिनांक तक कोई समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ।  आज पूरे 12 दिन हो गये हैं,लेकिन प्रशासन इस शांतिपूर्ण धरने से हमारी ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं।

अब अन्नदाता किसानों को 7 जनवरी 2025 को जिला प्रशासन की अर्थी निकालनी और जलानी पड़ेगी,जब यह अंधा,बहरा,गूंगा प्रशासन हमारी ओर ध्यान देगा। यदि फिर भी प्रशासन द्वारा हमारी ओर ध्यान आकर्षित नहीं किया गया। या हमारी मांगों को नहीं माना गया तो हमें अन्नदाता किसानों के साथ मिलकर 11 जनवरी 2025 को मुंडन कर घाट करना पड़ेगा।

इसके बावजूद भी अगर प्रशासन हमारी ओर ध्यान नहीं देता हैं तो हमें जिला प्रशासन की शोक संवेदनाऐं व्यक्त कर कन्या भोज भी करना पड़ेगा। 17 जनवरी 2025 को किन्तु प्रशासन ने हमारी मांगे नहीं मानी तो अन्नदाता किसानों को 26 जनवरी 2025 को जितनी भी हमारे क्षेत्र में आवारा गौमाताऐं हैं उनकों सरकारी दफ्तरों में खूंटे से बांधना पड़ेगा।

जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। यह कदम उठाने पर हमें मजबूर होना पड़ेगा,साथ ही समस्या ग्रस्त किसान सैंकड़ों से हजार होंगे। हम 2 बजे कार्यालय से सामने अर्थी जलायेंगे।

50 लोगो का प्रतिदिन बन रहा है भोजन
मनीराम लोधी जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि हमारा धरना पिछले 12 दिन से जारी है दिन में लगभग 3 सैकड़ा किसान रहते है,वही रात में इस धरने पर रात के समय 50 लोग रूकते है और रात में यही भोजन बनता है।  
अन्नदाता किसानों की यह हैं मांगे
1.नीलगाय एवं आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान।
2.शराब को केवल सरकारी मान्यता प्राप्त,दुकान पर ही बेचने का प्रावधान किया जाये।
3.किसानों की फाइलें कार्यालय से घुम हो जाती हैं,उसके लिए परेशान होता किसान।
4.किसानों की बिजली का समय तय ना होना एवं वोल्टेज की समस्या से परेशान हैं किसान।
5.नामांतरण,सीमांकन,दुरुस्ती,नाम सुधार एवं बटवारा के लिए रिश्वत से परेशान हैं किसान।
6.अन्नदाता किसानों के पैसे सहकारी बैंक द्वारा समय पर नहीं दिये जा रहे हैं जिससे परेशान किसान।
7.धुमंतु लोहा मीठा,कंजरों के बच्चों को आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में दाखिला नहीं हो रहे उन्हें भर्ती कराया जाये।
8.पिछोर-खनियाधाना में सरकारी स्कूल सही ढंग से संचालित नहीं हो रहे,स्कूलों की समय—समय पर जांच कराई जायें।
9.गौमाता,गोवंश को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए सरकारी द्वारा बनाई गई गौशाला को संचालित कराया जाये।