शिवपुरी। बीते दिनो जमीन में पार्टनरी का झांसा देकर 20 लाख की ठगी का आरोप नवाब साहब रोड पर रहने वाले हरेन्द्र रघुवंशी ने किड्स गार्डन स्कूल संचालक शिवकुमार गौतम पर लगाया है।,अब इस मामले को लेकर अब नया मोड आ गया है। शिवकुमार गौतम ने आज एसपी शिवपुरी को एक आवेदन दिया है। इस आवेदन के अनुसार स्कूल संचालक का कहना है कि मुझे उल्टे पैसे 3 लाख रुपए लेने है। मेरे खिलाफ जो आवेदन दिया गया है वह पूर्ण:झूठा है और यह ठगी करने का फार्मूला है।
किड्स गार्डन के संचालक शिवकुमार गौतम ने बताया कि हरेंद्र रघुवंशी, देवेंद्र शर्मा और प्रार्थी मैने मिलकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का निर्माण करने की योजना बनाई थी और कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्णय लिया था एवं रजिस्ट्रेशन से पूर्व ही आपसी सहमति से हल्का ग्राम रातौर में एक जमीन खसरा नंबर 2012,2013,2014,2016, 2017 का अनुबंध 5100000 रु में कराने का निर्णय लिया और इस हेतु देवेंद्र शर्मा पुत्र श्री रमेश चंद्र शर्मा को अधिकृत किया था।
इस अनुबंध हेतु प्रार्थी शिवकुमार गौतम ने देवेंद्र शर्मा के आई सी आई के बैंक खाते में 16 लाख रु आर टी जी एस HDFCR52024030284830986 से दिनांक 2/3/24 को दिये थे एवं एक लाख रुपए नगद भी देवेंद्र शर्मा को दिये थे। इसी तरह इस अनुबंध हेतु हरेंद्र रघुवंशी ने देवेंद्र शर्मा को 5 लाख रुपए नगद दिनांक 11 मार्च 24 को दिये थे एवं 5 लाख रु 16 मार्च 24 को और 7 लाख रु 20 मार्च 24 को देने का वादा किया ।
20 मार्च 24 को हरेंद्र रघुवंशी ने प्रार्थी शिवकुमार गौतम से कहा कि मेरे खाते में नौ लाख रुपए ही है जबकि मैने देवेन्द्र शर्मा को तेरह लाख रूपये का चैक दिया है क्योकि में एक लाख रू देवेंद्र शर्मा से नगद वापस ले लिया हूँ। आप मुझे चार लाख रु उधार दे दो मैं अगले महीने में वापस कर दूंगा।
प्रार्थी शिवकुमार गौतम ने अपने HDFC बैंक खाते से चार लाख रू दिनांक 27/03/24 को हरेंद्र रघुवंशी की कंपनी के खाते श्रेष्ठ इंटरप्राइजेज में जमा करा दिये। उसके बाद हरेंद्र रघुवंशी द्वारा देवेंद्र शर्मा को दिये गये चैक का भुगतान देवेंद्र शर्मा ने प्राप्त कर अनुबंध हेतु आवश्यक रकम 51 लाख रुपये अपने (देवेंद्र शर्मा) पास इकट्ठी कर ली।
परंतु किन्ही कारणो से देवेंद्र शर्मा यह अनुबंध नहीं करा पाये और प्रार्थी शिवकुमार गौतम के 17 लाख रुपए एवं हरेंद्र रघुवंशी के 17 लाख रुपए देवेंद्र शर्मा के पास फंस गये तथा देवेंद्र शर्मा इन पैसों की वापसी की हामी भरते रहे।
शिवकुमार गौतम ने माह अप्रैल 24 में हरेंद्र रघुवंशी से अपने चार लाख रुपए वापस मांगे तो हरेंद्र रघुवंशी ने एक लाख रुपये दिनांक 24/04/24 को श्रेष्ठ इंटरप्राइजेज के बैंक से वापस कर दिये शेष तीन लाख रुपए वापसी के लिए एक माह का समय मांगा। एक माह बाद हरेन्द्र रघुवंशी ने प्रार्थी से कहा कि देवेंद्र शर्मा से पैसे वापस मिलने पर आपके तीन लाख रुपए वापस करूंगा। जब देवेंद्र शर्मा ने 12 अक्टूबर 24 दशहरा तक पैसे वापस नहीं किये तो प्रार्थी ने देवेंद्र शर्मा से स्वयं के पैसे और हरेंद्र रघुवंशी के पैसों की मांग की तो देवेंद्र शर्मा ने कहा कि मेरी किसी एक भी जमीन का विक्रय होते ही में आप दोनों को पैसे वापस कर दूंगा ये जानकारी प्रार्थी ने हरेंद्र रघुवंशी को दी तो हरेंद्र रघुवंशी स्वयं देवेन्द्र शर्मा से मिलकर बात करने की कह कर देवेन्द्र शर्मा से मिलने चला गया। हरेन्द्र रघुवंशी और देवेंद्र शर्मा के बीच क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी दोनों ने ही प्रार्थी को नहीं थी।
14 अक्टूबर को हरेंद्र रघुवंशी मुझ प्रार्थी को अश्लील गालिया देते हुए धमकी देने लगा कि देवेंद्र को दिये पैसे तू वापस कर वर्ना तुझे जान मार दूंगा, तुझे और तेरे स्कूल को बदनाम कर दूंगा तेरी वो हालत कर दूंगा कि घर देने आयेगा पैसे। इसके तुरंत बाद ही प्रार्थी ने हरेंद्र रघुवंशी का नंबर ब्लेक लिस्ट मे डाल दिया और उस दिन से प्रार्थी और हरेंद्र रघुवंशी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।
12 दिसंबर को हरेंद्र रघुवंशी के छोटे भाई ने फेसबुक मेसेंजर पर अश्लील गालिया और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि हम दोनों भाई गुंडे है नेताओं के चहेते है कही भी तुझे मारकर फेंक देंगे।
हरेंद्र रघुवंशी द्वारा श्रीमान को दिये गये आवेदन में श्री रामजीलाल धाकड़ की चार बीघा जमीन का उल्लेख किया है और इस जमीन के संबंध में जो तथ्य रखकर पैसे देने की बात कही है उस जमीन से हरेंद्र रघुवंशी का कोई लेना देना नहीं है और उसके द्वारा दिये गये तथ्य एकदम झूठे और मनगढ़ंत है।
अतः श्रीमान जी से विनम्र प्रार्थना है कि प्रार्थी एवं प्रार्थी के प्रतिष्ठान की छवि धूमिल करने का प्रयास करने, जान से मारने की धमकी देने और उल्टी गालियां देकर मारपीट की धमकी देने बाले आपराधिक किस्म के व्यक्ति हरेंद्र (रानू) रघुवंशी और उसके भाई अभिषेक (अनिमेष) रघुवंशी पर उचित कार्रवाई कराने एवं हरेंद्र रघुवंशी द्वारा प्रार्थी से उधार लेकर हडपे तीन लाख रुपए वापस दिलाने हेतु कानूनी कार्रवाई कराने कृपा करें।