SHIVPURI NEWS -कांग्रेस नेता ने जसवंत की नियुक्ति पर भाजपा को पर X घेरा, लिखा आत्मा रो रही है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी के शिवपुरी के जसवंत जाटव के जिला अध्यक्ष घोषित होने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज होने लगी है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने इस मामले को लेकर एक्स पर एक पोस्ट की है। इस पोस्ट के अनुसार कांग्रेस नेता मिश्रा ने लिखा है कि बीजेपी के संस्थापक और महान नेताओं पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी और कुशाभाऊ ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा कि आज उनकी आत्मा रो रही होगी।

सिंधिया समर्थक और पूर्व कांग्रेस नेता जसवंत जाटव की शिवपुरी के भाजपा के जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद भाजपा संगठन पर सवाल खडे होना शुरू हो गए है। कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने इस मुद्दे पर कहा है कि बीजेपी ने अपने संविधानों और सिद्धांतों को अपने तुच्छ स्वार्थों के लिए तोड़-मरोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि जसवंत जाटव ने चार साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था, और उन्हें जिलाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने कम से कम छह साल तक संगठन सदस्य होने की अर्हता के अपने नियम को ही तोड़ दिया।

जसवंत जाटव की नियुक्ति से टूटा संविधान

बीजेपी के संविधान के अनुसार जिलाध्यक्ष के पद के लिए पार्टी में छह साल से सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है। लेकिन जसवंत जाटव मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। यानी उन्हें पार्टी में आए अभी चार साल ही हुए हैं। फिर भी उन्हें बीजेपी ने जिला अध्यक्ष बना दिया गया है और अब इसपर बहस छिड़ गई है।

जसवंत जाटव ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं और उन्होंने सिंधिया के साथ ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था। अब उन्हें शिवपुरी जिले का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने बीजेपी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि बीजेपी ने "आत्म समर्पण" करते हुए अपने संविधानों और सिद्धांतों को अपने तुच्छ स्वार्थों के लिए तोड़-मरोड़ दिया है।

उन्होंने इसे न सिर्फ बीजेपी की सैद्धांतिक विफलता बताया, बल्कि "मानसिक ग़ुलाम" की संज्ञा भी दी और आरोप लगाया कि बीजेपी पार्टी के संविधान का उल्लंघन करते हुए अपने राजनीतिक हितों के लिए उसे बदलने का काम कर रही है। केके मिश्रा ने बीजेपी के संस्थापक और महान नेताओं पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी और कुशाभाऊ ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा कि आज उनकी आत्मा रो रही होगी।