SHIVPURI NEWS - NH-46 फोरलेन हाईवे पर खतरे के 100 दिन, क्राईम और खतरे को निमंत्रण

Bhopal Samachar

शिवपुरी। आपको जानकारी बड़ी हैरानी होगी कि मोहना से शिवपुरी लगभग 50 किलोमीटर एनएच-46 फोरलेन हाईवे पर लगभग 100 दिन खतरे के निकल चुके है,100 दिन में विभाग एक लाइट का फाल्ट नहीं खोज सका है,इस कारण पूरे 50 किलोमीटर तक सड़क पर अंधेरा पसरा है। यह अंधेरा कब कोई बड़ा हादसा करा दे इसकी कोई गारंटी नहीं हैं।  

 इस हाईवे से सटकर ही माधव नेशनल पार्क (वर्तमान नाम माधव टाइगर रिजर्व) बना है। अक्सर वन्य प्राणी सड़क पर आ जाते हैं। ऐसे में अंधेरे में वन्य प्राणियों के वाहनों की चपेट में आने का खतरा है। खास बात ये है कि दो पहिया वाहन सवार भी इस हाईवे से गुजरते हैं। यदि उनको अंधेरे में पशु सड़क पर दिखाई नहीं दिया तो आमजन भी वन्य प्राणियों का शिकार बन सकते हैं।

क्षेत्रीय निवासियों के मुताबिक करीब 3 माह से हाईवे अंधेरे में डूबा हुआ है। जबकि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जिम्मेदार अफसर इसे टेम्परेरी फाल्ट बताते हुए जल्द ही सुधार कार्य करने की बात कर रहे हैं।

1500 से 2000 वाहन गुजरते है प्रतिदिन

ग्वालियर से शिवपुरी तक पहुंचने वाला हाइवे आगे इंदौर, भोपाल और कोटा को कनेक्ट करता है। इस मार्ग से प्रति घंटे करीब 1500-2000 वाहनों की आवाजाही रहती है। खास बात ये है कि इस हाईवे से सटे कई छोटे-छोटे गांव, कस्बे भी हैं। यह हाइवे इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सटकर ही
हाईवे पर पसरा अंधेरा, जिस कारण कभी-भी बडा हादसा हो सकता है।

सडक पर जंगली जानवर

माधव टाइगर रिजर्व बना हुआ है। जिसमें टाइगर, तेंदुआ सहित विभिन्न प्रजातियों के वन्य जीवन विचरण करते हैं। इस पूरे हाइवे पर दिखाने के लिए स्ट्रीट लाइट तो लगी है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि सभी बंद है। इतना ही नहीं यह करीब 3 माह से बंद है। जिससे स्थानीय रहवासी तो परेशान है ही, साथ ही यह वन्य जीव और आमजन के लिए भी काफी खतरनाक है।

रात में जब भारी वाहन तेज रफ्तार में हाईवे पर दौड़ते हैं तो दो पहिया वाहन चालक सड़क के साइड में वाहन चलाकर निकलते हैं। जिससे हादसे का शिकार न हो जाए। हाईवे पर कई स्थानों पर गड्ढे भी हैं, जिससे अंधेरे में हादसा होने का खतरा बना रहता है।

वन्य जीवों को भी खतरा

माधव टाइगर रिजर्व से अक्सर तेंदुए और अन्य वन्य जीव सड़कों पर आ जाते हैं। दिन में तो यह दूर से ही दिखाई दे जाते हैं। ऐसे में वाहन चालक दूर ही गाड़ी रोक देते हैं। रात में वन्य प्राणियों के सड़कों पर आने पर अंधेरे में इनका वाहनों की चपेट में आने का खतरा रहता है। जिससे वन्यजीवों की जान जाने के साथ ही वाहनों के भी पलटने का खतरा रहता है।

दो पहिया वाहन चालक भी बन सकते हैं शिकार

दो पहिया वाहनों की हेडलाइट की रोशनी अधिक दूरी तक नहीं जाती है। दो पहिया वाहन रात में सड़क के एक तरफ चलते हैं। सड़क पर अंधेरा होने से वाहन चालक को बिल्कुल पास पहुंचने पर ही वन्य जीव दिखाई देगा। ऐसे में वाहन संतुलन खोकर हादसे का शिकार हो सकता है। साथ ही यदि वाहन चालक ने जानवर को देख गाड़ी रोक दी तो वन्य जीव उस पर हमला भी कर सकता है।

 NHAI की लापरवाही बिगाड़ रही छवि

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की लापरवाही से ग्वालियर चंबल अंचल की छवि भी खराब हो रही है। इस हाइवे पर जगह-जगह गड्ढे तो बने ही हुए हैं। साथ ही इस रास्ते से राजस्थान, भोपाल से आने वाले वाहन ग्वालियर पहुंचते हैं। सड़क पर इस प्रकार अंधेरा होने से पूरे अंचल की छवि खराब हो रही है।

अंधेरे का फायदा उठाकर हुई थी लूट

बीते दिनो सुभाषपुरा थाना सीमा मे आने वाले कलोथरा फाटक पर एक महिन्द्रा पिकअप वाहन को लुटेरों ने बीच सडक पर से लूट लिया था। अंधेरा पुलिस और नागरिकों के लिए भी परेशानी का विषय है। अंधेरा हादसे और क्राइम को निमंत्रण देता है।

टेम्परेरी फाल्ट हुआ होगा

ग्वालियर शिवपुरी हाईवे पर मेजर मेंटेनेंस होना है। मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगी हुई है, कोई टेम्परेरी फाल्ट हुआ होगा। हम इसे तुरंत रिपेयर कराते हैं।
उमाकांत मीणा, प्रोजेक्ट प्रभारी एनएचएआई ।