SHIVPURI NEWS - प्रशासन की त्रियोदशी करने की जिद पर अडे किसान, मना नही पाए ADM शुक्ला

Bhopal Samachar

पिछोर। पिछोर में किसानों की समस्याओं को लेकर 23 दिसम्बर से चल रहा धरना प्रदर्शन 13 दिन बीत जाने के बाद भी लगातार जारी है। शनिवार को ADM दिनेश चंद्र शुक्ला किसानों से बात करने पहुंचे, परंतु बातचीत किसी निराकरण पर नहीं पहुंच पाई, जिसके चलते अभी भी धरना प्रदर्शन लगातार जारी है।

उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी सहित कई किसान किसानों की बिजली, पानी, गाय, नीलगाय, नामांतरण जैसी तमाम 22 सूत्रीय समस्याओं के निराकरण के लिए पिछोर एसडीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले 13 दिनों में अभी तक उनसे किसी भी अधिकारी ने बात नहीं की थी। शनिवार को एडीएम दिनेश चंद्र शुक्ला धरना स्थल पर पहुंचे और उनसे समस्याओं को लेकर बात करते हुए धरना समाप्त करने की बात कही।

जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी के अनुसार एडीएम ने उनसे कहा कि वह धरना समाप्त कर दें। इसके बाद शिवपुरी में अधिकारियों के साथ बैठकर हर बिंदु पर चर्चा कर लेंगे। बकौल लोधी, किसानों ने उन्हें स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह अधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा कर लें। समस्याओं के समाधान पर जो भी चर्चा हो, उससे उन्हें अवगत करवा दिया जाए।

अगर समाधान उचित प्रतीत होगा तो धरना समाप्त कर दिया जाएगा, अन्यथा यह धरना लगातार जारी रहेगा और शांतिपूर्ण धरना उग्र प्रदर्शन में तब्दील होता चला जाएगा। वहीं किसानों की समस्याओं को लेकर किए जा रहे इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी का कहना है कि आज उन्होंने अधिकारियों को एक और पत्र सौंपा है।

इस पत्र में उल्लेख है कि यह है किसानों की मांग
नामांतरण अन्नदाता किसानों के नि: शुल्क होने है समय सीमा के भीतर नहीं हो रहे हैं। सीमांकन सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से निःशुल्क किए जाने है, तहसीलदार के आदेश के बावजूद भी पटवारियों द्वारा सीमांकन नहीं किए जाते । दुरुस्ती की फाइल में अन्नदाता किसानों को इतना परेशान कर पैसे देने के लिए बाध्य हो जाता है।

अधिकारियों की वजह से जमीनों में नाम की गड़बड़ी व रकबा कम ज्यादा हो जाता है। किसानों की आपके कार्यालय से फाइल ही गायब हो जाती है पुन: उनको फाइल अगर 6 जनवरी तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो 7 जनवरी को वह प्रशासन की शव यात्रा निकालेंगे। इसके बाद भी लापरवाही किए जाने पर किसानों को बनवाने के लिए परेशान किया जाता है।

हर ग्राम पंचायत में सरकारी जमीन है किंतु सारी जमीनों पर पटवारियों द्वारा दबंग व्यक्तियों को कब्जा करवा रखा है।

अन्नदाता किसानों को विद्युत विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार से लूटा जा रहा है सही समय पर बिजली नहीं दी जा रही है। सिंचाई विभाग द्वारा अन्नदाता किसानों की जमीनों को उर लोअर परियोजना के लिए लिया गया है, मुआवजा नहीं दिया।

अन्नदाता किसानों को सहकारी बैंक द्वारा आज दिनांक तक उनका पैसा भुगतान नहीं किया गया है। घोटालेबाज गिरफ्तार नहीं हुए हैं। मुंडन संस्कार कराने पर बाध्य होना पड़ेगा। अगर इस पर भी प्रशासन नहीं चेतता है तो वह जिला प्रशासन की त्रयोदशी कर कन्या भोज का आयोजन करेंगे।