शिवपुरी। शिवपुरी जिला खनन माफियाओं की गिरफ्त में है,पूर्व में सुनवान और जंगल के क्षेत्रों में अवैध खनन करने की खबर मिलती थी लेकिन अब शहर के सिटी कोतवाली सीमा में अवैध खनन की खबर की पुष्टि भी हुई है। मामला फतेहपुर क्षेत्र में मुरम माफिया से जुडा है,यहां जब मीडियाकर्मी से कवरेज के दौरान बंधक बनाने का प्रयास किया जब यह मामला सभी के संज्ञान में आया।
सवाल यह है कि यह है कि विवाद नहीं होता तो यह अवैध खनन जारी रहता और जिले का खनिज विभाग इस अवैध खनन से अपनी पार्टनरी जारी रखता और भ्रष्टाचार का खनन करता रहता। कलेक्टर को इस मामले में खजिन विभाग को नोटिस जारी चाहिए कि बार-बार फतेहपुर क्षेत्र में अवैध मुरम के खनन की खबरों के बाद भी 700 मीटर अवैध खनन हो गया।
पहले समझे खनन माफिया और खनिज विभाग के अवैध संबंधों को
जानकारी के मुताबिक नायब तहसीलदार शिवपुरी ने 29 जून 2024 को फतेहपुर स्थित नई पुलिस लाइन के पीछे अवैध उत्खनन करते ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त किए थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली को ट्रैफिक पुलिस थाने के में रखवाया था। मौके पर नापजोख कराने पर मुरम माफिया गजराज सिंह रावत पुत्र मंगल सिंह रावत द्वारा 240 घन मीटर मुरम का उत्खनन पाया था।
मप्र खनिज नियम के तहत रॉयल्टी का 15 गुना अर्थदंड 1.80 लाख रु. तथा पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि 1.80 लाख रु. कुल 3.60 लाख रु. प्रस्तावित कर कलेक्टर न्यायालय भेजा। कलेक्टर ने अनावेदक गजराज का पक्ष सुना और साक्ष्यों के आधार पर अवैध मुरम का मामला पाए जाने पर माधव नगर शिवपुरी निवासी गजराज रावत के खिलाफ आदेश जारी कर 3.60 लाख रु. का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है।
27 दिसंबर पर इसी स्थान पर पुन:अवैध खनन पाया गया
29 जून को तहसीलदार ने फतेहपुर पुलिस लाइन के पीछे अवैध खनन करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली किए थे,इसी स्थान पर 27 दिसंबर की सुबह एक बार फिर खनिज माफिया के मजदूर वहां अवैध रूप से मिट्टी खोदते मुरम का अवैध परिवहन करते हुए मीडिया के कैमरे में कैद हुए थे।
मजदूरों ने आन कैमरा यह स्वीकार किया कि उक्त मुरम खनिज माफिया गजराज सिंह रावत करवा रहा है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने इसी के चलते खनिज विभाग को निर्देश दिए कि मौके पर जांच कर माफिया के खिलाफ कार्रवाई संस्थित की जाए।
उक्त निर्देशों के क्रम में मंगलवार की दोपहर खनिज निरीक्षक सोनू श्रीवास अपने अमले के साथ फतेहपुर श्मशान घाट पर पहुंचे, उन्होंने माफिया द्वारा किए गए अवैध खनन का मुआयना किया। खनिज निरीक्षक सोनू श्रीवास ने मीडिया को बताया की माप तौल में माफिया द्वारा करीब 700 घन मीटर अवैध खनन करना पाया गया है।
इस पर उसके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। यह प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई के लिए भेजा जाएगा। खनिज निरीक्षक के अनुसार उक्त खनन पर करीब 10 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा।
सवाल फिर उठता है कि खनिज निरीक्षक अवकाश पर थे क्या
सवाल फिर उठता है कि गजराज रावत एक ही स्थान पर लगातार अवैध उत्खनन करता रहा। पहले 29 जून को पकडा गया उसके बाद 27 दिसंबर को फिर अवैध अवैध उत्खनन करता हुआ कैमरो में कैद हुआ,कवरेज के दौरान मीडियाकर्मी को बंधक बनाने से यह अवैध उत्खनन प्रकाश में आ गया,अगर विवाद नहीं होता तो यह जारी निर्वाध रूप से जारी रहता।
700 घन मीटर अवैध उत्खनन स्वयं खनिज निरीक्षक नापकर आए है यह अवैध उत्खनन सालो से जारी है,लेकिन खनिज निरीक्षक की निगाहें इस अवैध उत्खनन पर नहीं क्यों,क्या जिले का खनिज विभाग की एनओसी के बाद ही यह अवैध खनन किया जा रहा था अगर नही तो लगातार यह अवैध उत्खनन निर्वाध रूप से जारी कैसे था।
खनिज निरीक्षक सोनू श्रीवास अवकाश पर चल रहे थे नहीं तो फिर कैसे उत्खनन हो गया सवाल बडा है और जबाब पाने के लिए खडा हैं। कलेक्टर शिवपुरी रविन्द्र सिंह चौधरी को इस मामले में खनिज विभाग को भी नोटिस करना चाहिए कि बीच शहर में एक मुक्तिधाम की जमीन को कैसे 700 घन मीटर खोद दिया गया,विभाग क्या करता रहा।