SHIVPURI NEWS - पटेल के फार्म पर 7 बच्चों सहित 15 लोग बंधक, मुक्त कराने की मांग

Bhopal Samachar

करैरा। करैरा तहसील के एक फार्म हाउस पर 7 बच्चों सहित 15 मजदूरों को बंधक बनाने की खबर मिल रही है। बताया जा रहा है कि इन लोगों का फार्म हाउस के मालिक ने नौकरी करने के बहाने बुलाया था और उन्हें बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही है। इस मामले में पीड़ितों ने स्थानीय प्रशासन से सहायता की मांग की है।

पीड़ित मजदूरों ने आरोप लगाया है कि अशोक पटेल नामक व्यक्ति ने उन्हें धोखे से अपने फार्म पर बुलाया था और अब उन्हें वहाँ से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही, धमकी दी जा रही है कि अगर उन्होंने 50,000 रुपये की रकम नहीं दी तो उन्हें वापस घर नहीं जाने दिया जाएगा

रामचरण आदिवासी, जो इस घटना के प्रमुख पीड़ितों में से एक हैं, ने सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन को बताया कि वे सभी विभिन्न ग्रामों से काम करने के लिए आए थे। उनके साथ अन्य मजदूरों में बबलू, सुमन, रामेती, खेरू, उम्मेद, हरिविलास, सुदामा, सपना और उनके सात छोटे बच्चे भी शामिल हैं।
इन सभी को शंकर पटेल और नारायण पटेल नामक दो व्यक्तियों ने पहले तो नौकरी का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वे उनके साथ बुरी तरह मारपीट कर रहे हैं और बंधक बनाए हुए हैं।

रामचरण ने आगे कहा, "हमें मजदूरी नहीं दी जा रही है, बल्कि हमें बंधुआ मजदूरी के तहत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हमें धमकी दी जा रही है कि अगर हम 50,000 रुपये नहीं देंगे तो हमें यहाँ से जाने नहीं दिया जाएगा। हमें देसी हथियारों से धमकाया गया है और हमारा शारीरिक उत्पीड़न भी किया जा रहा है।


पीड़ितों ने इस मामले में अपनी समस्याओं को लेकर शिवपुरी के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया है और प्रशासन से उनकी तुरंत मदद की अपील की है। रामचरण आदिवासी ने कहा, "हमारी स्थिति बहुत ही दयनीय है, और हम प्रशासन से विनम्र निवेदन करते हैं कि वे हमारी मदद करें और हमें इस उत्पीड़न से मुक्त कराएंं।

ग्राम मुजरा में इस घटना की सूचना मिलने  के बाद, सहरिया क्रांति सदस्य रामकृष्ण पाल , संतोष जाटव , अनुराग दिवेदी ,अजय आदिवासी , स्वदेश आदिवासी आदि ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस थाना को भी सहरिया क्रांति सदस्यों के साथ जाकर परिजनों ने दी है ।

ग्रामवासी चाहते हैं कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस मामले में बबलू, सुमन, रामेती, खेरू, उम्मेद और उनके बच्चों के लिए अब तक कोई ठोस प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन शीघ्र इस गंभीर मामले का समाधान करेगा।