शिवपुरी। व्यवस्थित शहर बसाने के लिए सरकार ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग का गठन किया है। लेकिन टीएनसीपी के अफसर ही लैंडयूज अनुमतियां देने में काफी वक्त लगा रहे हैं। शिवपुरी का कलेक्ट्रेट भवन भी टीएनसीपी की वजह से नहीं बन पा रहा है। क्योंकि कलेक्ट्रेट भवन बनाने जो जमीन बिकनी है, उसके लैंडयूज की अनुमति 22 महीने बाद भी जारी नहीं हुई है। शिवपुरी कलेक्टर खुद पत्र लिख चुके हैं और रिमांडर भी। भी लिख दिया है। मामले को लेकर प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया है।
जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी पीआईयू ने 6 साल पहले शिवपुरी में नई कलेक्ट्रेट बिल्डिंग की डीपीआर बनाई थी। लेकिन 14वें वित्त आयोग से बजट नहीं मिला तो कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का काम पुनर्घनत्वीकरण योजना में लेकर मप्र हाउसिंग बोर्ड को सौंप दिया। पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत शिवपुरी शहर के बीचों बीच पुराने सरकारी बस स्टैंड और स्टेट कालीन 12 नंबर कोठी की जमीन बेचने की कवायद शुरू कर दी। जमीन बेचकर कलेक्ट्रेट बिल्डिंग बनानी है। मुख्य सचिव म्हा शासन ने जमीन बेचने से पहले लैंडयूज चेंज कराने के निर्देश दिए।
बिल्डिंग का निर्माण तो दूर जमीन तक नहीं बिक पा रही
मात्र हाउसिंग बोर्ड ने फरवरी 2023 में लैंडयूज चेंज का आवेदन संचालनालय टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भोपाल में कर दिया। आज तक लैंडयूज परिवर्तन नहीं हुआ है, जिससे कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का निर्माण तो दूर जमीन तक नहीं बिक पा रही है। यहां स्पष्ट हो रहा है कि सरकार के ही विभागों के अफसर ही विकास के काम रोक रहे हैं।
अफसरों के बीच समन्वय की कमी के चलते सरकारी काम ही रुक रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आम जनता लैंडयूज परिवर्तन कराने के लिए कितनी परेशान होती होगी।
देरी के कारण बिल्डिंगकी लागत भी बढ़ रही है
कलेक्ट्रेट बिल्डिंग की पीआईयू ने छह साल पहले डीपीआर बनाई, तब लागत 26 करोड़ रु. थी। दूसरी बार रिवाइज डीपीआर में लागत 35 करोड और तीसरी बार 40 करोड़ पहुंचगई। मौजूदा समय में बिल्डिंग सहित कलेक्टर-एपी बंगला सहित स्टाफ आवास मिलाकर लागत 58 करोड़ रु. है। लेकिन दो साल में यह लागत भी 60 करोड़ पार पहुंचने का अनुमान है।
इसी तरह देरी होती रही
टीएनसीपी अपने ही मास्टर प्लान को धरातल पर लागू नहीं करा पाती, पूरा शहर अव्यवस्थित बसता चला गया
इनका कहना है
पुराने बस स्टैंड की जमीन का लैंडयूज चेंज होना है जिसका आवेदन फरवरी 2023 से लगा है। वरिष्ठ कार्यालय पत्र लिख चुके हैं। कलेक्टर साहब भी पत्राचार कर चुके हैं। पूरा प्रयास कर रहे हैं, ताकि कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का काम जल्द शुरू हो।
प्रसन कुमार जैन, सब इंजीनियर, मप्र सजसिरंग बोर्ड शिवपुरी-गुना
पुराने सरकारी बस स्टैंड की करीब
6.45 बीघा और नवग्रह मंदिर के सामने कोठी नंबर 12 की 17 हजार वर्ग फीट जमीन पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत बेची जानी है। सरकारी बस स्टैंड पब्लिक सेक्टर के इस्तेमाल के रूप में दर्ज है। जिसका लैंडयूज कमर्शियल (व्यवसायिक) के रूप में होना है। लैंडयूज बदलने के बाद ही जमीन बिक पाएगी। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड ऑनलाइन टेंडर निकालेगा। इसके बाद यहां बिल्डिंग का निर्माण शुरू होगा।