SHIVPURI NEWS - मकर संक्रांति, 20 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, पढिए

Bhopal Samachar

शिवपुरी। इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व विशेष महत्व के साथ आ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 20 वर्षों बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब शनि और शुक एक ही राशि में स्थित होंगे। यह संयोग सत्ता पक्ष की मजबूती प्रदान करेगा और देश में कानून व्यवस्था को बल देगा।

14 जनवरी को दोपहर 3.17 बजे पुण्यकाल में गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र और स्वग्रही योग का विशेष महत्व रहेगा। पुष्य नक्षत्र को अत्यधिक शुभ माना जाता है, जिससे दान-पुण्य और पूजा-पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन आदर्श होगा। संक्रांति तिल का सेवन और दान करना दोनों ही पुण्य फदलायी बताए गए हैं।

शुभ संकेत और आध्यात्मिक प्रभाव

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति व्याघ्र वाहन पर आई है और इसका उपवाहन अव है। यह संयोग ऋषि, मुनियों और तपस्वियों के लिए विशेष रूप से शुभ साबित होगा। व्याघ्र वाहन का अर्थ है साहस, शक्ति और आत्मनिर्भरता का उदय, जबकि अधु उपवाहन गति और ऊर्जा का प्रतीक है।

वहीं मीन और शुक्र के एक ही राशि में होने से आर्थिक स्थिरता के संकेत हैं। व्यापार और कृषि क्षेत्र में उन्नति की संभावना है। स्वर्ण व धातु के बाजार में उछाल के संकेत हैं, जिससे निवेशकों को लाभ हो सकता है।

गंगा स्नान का महत्व

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, दान और सूर्य उपासना का विशेष महत्व है। इस दिन तिल, गुड़ और अन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।