शिवपुरी। शिवपुरी शहर में लेक कंजर्वेशन (झीलों का संरक्षण) के नाम पर सीवरेज प्लान शिवपुरी में अस्तित्व में लाया गया था। इस योजना पर अभी तक 96 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है,झीलों के संरक्षण के नाम पर शिवपुरी शहर का मल मूत्र अभी भी झीलों में ही पहुंच रहा है और वही सडको पर सीवर पहुंच रहा है। 1 हजार मिलियन रूपए गटर में जा चुका है या यू कह लो गलत इंजीनियरिंग,रॉंग प्लानिंग और भ्रष्टाचार की भेट हमारा पैसा चढ गया है।
मुख्य बाजारों से गायब है सीवर लाइन
शहर में सीवर प्रोजेक्ट पर 98 करोड़ खर्च कर जो कार्य किए गए हैं वे शहर की घनी आबादियों को छोड़कर आउटर में किए गए हैं। कई स्थानों पर तो अवैध कॉलोनियों में लाइन डालने के बाद कालोनाइजरों से वसूली कर लाखों के वारे-न्यारे। जिम्मेदारों ने कर लिए हैं। कड़वा सच यह है कि सीवेज प्लान में स्टेट टाइम व से बसे शहर बाजार एवं पुरानी बस्तियां) में खुदाई के नाम पर नहीं चलाई गई।
इस वजह से आर्य समाज रोड, कस्टम गेट खारा कुआं मंदिर सड़क, सीताराम मंदिर सड़क, दोनों टेकरियां, हलवाई खाना, निचला बाजार, सुनार गली, हम्माल मोहत्सा राठौर मोहल्ला सहित कई पुराने इलाकों में सीवेज स्टेट टाइम की पुरानी लाइन में ही बह रहा है।
हार्ड स्टेटा अर्थात कठोर पत्थर का पठार शब्द को डीपीआर से विलोपित किया गया
सीवेज प्लान की डीपीआर में गंभीर अनियमितता करते हुए शिवपुरी की हार्ड स्टेटा (कठोर पत्थर का पठार) के तथ्य को अनदेखा किया गया। यदि शिवपुरी की भूगर्भीय पठार का तथ्य डीपीआर में शामिल किया जाता तो यह प्लान अमल में ही नहीं आता। जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोप यह भी है कि अवैध कॉलोनी में सीवेज लाइन डालकर रुपए वसूले गए। इसके अतिरिक्त जो कार्य हुआ है उसके हालात यह है कि 50 प्रतिशत से अधिक मैन लाइन जमीन के अंदर ही क्षतिग्रस्त हो गई है, पाइपों के ज्वाइंट उखड़ गए हैं एवं कई स्थानों पर पाइप फूट गए हैं। जिससे यह प्लान सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार का ही प्रमाण बनकर रह गया है।
1 हजार मिलियन खर्च फिर भी नाले में मलमूत्र
झीलों का संरक्षण के नाम पर सीवेज प्लान शिवपुरी में लाया गया था. प्लान अंतर्गत 98 करोड़ रुपए गटर में बह गए, लेकिन झीलों के संरक्षण के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ। आज भी गटरों का मेला नालों के माध्यम से जाधव सागर, सांख्य सागर आदि में पहुंच रहा है। जिम्मेदार सब कुछ जानकर भी हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे और जब हालात बद से बदतर हो गए तो जिम्मेदारों ने हाथ खडे कर दिए।
1 माह से सड़क पर सीवर
कस्टम गेट खारा कुआं मंदिर सड़क पर गटरों से मैला एक माह से लगातार फैल रहा है। जिससे आमजन में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। जिन घरों के सामने यह गटर हैं, उन घरों के लोग निकलते समय मुंह ढक कर और सांस खींचकर आ जा रहे हैं। हद तो यह है कि किसी भी जिम्मेदार का ध्यान सड़क पर स्थाई तौर पर फैल रही गंदगी की ओर कतई नहीं है।
गंदगी से मुश्किल हो रहा जीना
खुले चेंबरों की वजह गंदगी फैल रही है। गेट खोलते ही भयंकर बदबू आती है। जीना मुश्किल हो रहा है क्या करें? कहीं कोई सुनने वाला नहीं है।
नरेश शर्मा, हम्माल मोहल्ला
दो की शिकायत, नहीं हुई सुनवाई
हमने दो बार नपा में खुले सीवेज की शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। बीते तीन चार साल से परेशानी हो रही है।
श्रीबाई सेन, आर्य समाज रोड
सिंधिया को प्लान की सफलता में संशय
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बीते दिनों जिला अधिकारियों की बैठक में साफ तौर पर कह दिया था कि पहले सीवेज प्रोजेक्ट के पूरे काम की टेस्टिंग होगी। टेस्टिंग सफल होने पर ही घरों में कनेक्शन का काम करेंगे। उल्लेखनीय है कि सीवेज कनेक्शन का काम पीएचई नपा को कई साल से देना चाहती थी, लेकिन नपा के तकनीकी अधिकारी यह काम लेने से कई बार इनकार कर चुके हैं। हालांकि अब नपा न नुकर करके अमृत 2 में करने के लिए तैयार है।