शिवपुरी। शिवपुरी शहर में पिछले कुछ माह से आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। यह एक बड़ी और गंभीर समस्या है,लेकिन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रतिदिन शिवपुरी शहर में 50 लोगों को आवारा कुत्ते अपना शिकार बना रहे है।
जिला अस्पताल में जनवरी के महीने में हर रोज औसत 40 से 50 लोग आवारा कुत्तों का शिकार होने के बाद अपना उपचार करवाया है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा चुके लोगो की संख्या इस सरकारी आंकड़ों में जोड़ा जाए तो संख्या अधिक हो सकती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए दो माह पूर्व 1500 इंजेक्शन की डिमांड की गई थी, परंतु प्रदेश स्तर पर ही वैक्सीन की शार्टेज होने के कारण सप्लाई नहीं हो पा रही है। दो माह पूर्व की गई डिमांड की प्रतिपूर्ति आज तक नहीं हो पाई है।
सर्वाधिक शिकार बने बच्चे
अगर आवारा कुत्तों का शिकार बने लोगों की बात करें तो इनमें सबसे अधिक संख्या छोटे बच्चों को है, जिन्हें आवारा कुत्तों ने आसान शिकार मानते हुए खेलते समय, घर से गुजरते समय अपना शिकार बनाया है। कुत्तों बच्चों पर खेलते और दौड़ते समय सर्वाधिक शिकार कर रहे हैं।
कुत्तों की नसबंदी का टेंडर
नगर पालिका 2023 में आवारा कुत्तों की नसबंदी का टेंडर कर चुकी है, लेकिन यहां के कुछ ऐसे लोगों ने जिन्हें टेंडर नहीं मिला तो उन्होंने माहौल खराब करना शुरू किया। कुछ लोग तो जीव कल्याण बोर्ड तक चले गए थे,पूर्व सीएमओ केशव सिंह सगर ने जिला पशु विभाग के प्रमुख को चिट्ठी लिखी थी, और जीव कल्याण बोर्ड का भी कोई जवाब नहीं आया।
इस कारण कुत्तों की नसबंदी पर आगे काम नहीं हो सका है,अभी यह मामला पत्रों में उलझा हुआ है,सवाल यह उठता है आखिर कब इन आवारा कुत्तों से शहर के लोगों को मुक्ति मिलेगी,शिवपुरी शहर में लगभग 10 हजार आवारा कुत्ते शहर की सडको पर होने का अनुमान हैं।
इनका कहना है
हमे जब भी, जहां से भी शिकायत हम अपने अमले को भेजकर स्वान को पकड़वा रहे हैं। इसके अलावा समय-समय पर अभियान चलाकर भी इन्हें पकड़कर शहर के बाहर छुड़वाया जा रहा है। मिलती है।
- योगेश शर्मा, एसआइ नगर पालिका शिवपुरी।