शिवपुरी। जिला मुख्यालय से करीब 100 किमी दूर खनियाधाना तहसील के बुधोन राजापुर में 2300 वर्ष से अधिक पुराना प्राचीन बौद्ध स्तूप आज भी अपनी उत्कृष्टता कायम किए हुए है। स्थानीय स्तर पर इस स्तूप को लोग कुटिया मठ के नाम से जानते हैं। हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा समय-समय पर प्रचार-प्रसार न होने के कारण कई लोगों को इस प्राचीन ऐतिहासिक स्तूप के बारे में जानकारी ही नहीं है।
बुधोन राजापुर गांव के नाम से ही स्पष्ट होता है कि इस गांव का भगवान बुद्ध के नाम से अवश्य ही कुछ बहुत पुराना संबंध रहा होगा। स्तूप की ईंटों, उसकी संरचना शैली और उसके स्थापत्य को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक द्वारा ही किया गया होगा। यह स्तूप बिल्कुल बनारस उ प्र के सारनाथ के धमेक स्तूप की तरह है। बौद्ध सर्किट के प्रचार प्रसार हेतु राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मप्र पर्यटन बोर्ड निरंतर प्रयासरत है। यह परिसर अहीर नदी के समीप है।
प्राचीन समय में सम्राट अशोक ने अपने गुरु मोगलीपुत्त तिष्य के परामर्श और भिक्षु कुणाल के कहने पर भगवान के प्रति अपनी अनन्य श्रद्धा, जनहित कल्याण और समस्त जगत के हित सुख की कामना के साथ भगवान बुद्ध के अवशेषों पर स्मृति स्तूपों का निर्माण करवाया था। इन्ही में से बुधोन राजापुर गांव का स्तूप भी एक है। अगर बुधोन राजापुर गांव को शिवपुरी जिले का सांची बोला जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी।
जिले में कई पर्यटक स्थल प्राचीन व हजारों साल पुराने हैं
शिवपुरी जिले में कई पर्यटक स्थल काफी प्राचीन व हजारों साल पुराने हैं। इनकी जानकारी इस जिले के ही कई लोगों को नहीं है। हम समय पर इनका प्रचार प्रसार करते हैं, जिससे लोग इन पर्यटक स्थलों को भी देखने जाए। शिवपुरी के खनियाधाना के बुधोन राजापुर में कुटिया मठ व महुआ में प्राचीन शिव मंदिर काफी वर्ष पुराने हैं।
देव सोनी, प्रबंधक, जिला पर्यटन विभाग, शिवपुरी