SHIVPURI सहित प्रदेश के सात जिलों से शुरू होगी सस्ती हवाई सेवा

Bhopal Samachar

भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा सहित सात जिलों में भी अब फ्लाइट शुरू की जाएगी। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम 'उड़ान' के तहत इन शहरों में हवाई सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा है।

इस मंत्रालय के तहत एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) मध्य प्रदेश के उज्जैन, छिंदवाड़ा, नीमच, शहडोल, खंडवा के लिए फ्लाइट शुरू करने की स्वीकृति देगा। दतिया को लेकर पहले ही समझौता हो चुका है। स्वीकृति मिलते ही इन शहरों को भी हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा।

बता दें कि दतिया हवाई प‌ट्टी को रीजनल कनेक्टिविटी योजना 'उड़ान' के तहत चुना गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से एमओयू भी किया है।

वहीं, शिवपुरी हवाई अड्डे के विकास के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत एएआइ और मध्य प्रदेश सरकार के साथ अक्टूबर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। वर्तमान में भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना में ग्वालियर से बेंगलुरु, कोलकाता, जम्मू तथा हैदराबाद रूट पर विमान सेवा संचालित हो रही है। साथ ही बिलासपुर रूट पर भी हवाई सेवा संचालित हो रही है। राज्य सरकार देश के अन्य स्थानों को भी वायुसेवा से जोड़ने के लगातार प्रयास कर रही है।

इंदौर से कोलकाता के लिए आज से सीधी उड़ान

इंदौर से कोलकाता के लिए इंडिगो एयरलाइंस द्वारा मंगलवार से सुबह की उड़ान शुरू की जा रही है। अभी तक रात में एक उड़ान संचालित हो रही थी। वहीं एयर इंडिया एक्स्प्रेस भी इसी माह कोलकाता के लिए रात की उड़ान शुरू करेगी।

देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट से 10 दिसंबर से इंडिगो एयरलाइंस द्वारा कोलकाता की उड़ान शुरू की जा रही । यह उड़ान सुबह 9.20 बजे इंदौर पहुंचेगी और वापसी में सुबह 10 बजे कोलकाता के लिए रवाना होगी। वर्तमान में इंडिगो कंपनी द्वारा ही रात में एक उड़ान का संचालन इंदौर-कोलकाता के बीच किया जा रहा है।

सस्ती विमान सेवा के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम

प्रदेश के नागरिकों को सस्ती विमान सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम संचालित की जा रही है। इससे प्रदेश में पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों सहित रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। स्कीम के तहत उड़ानें संचालित करने वाली इच्छुक निजी वैमानिक संस्थाओं को 20 प्रतिशत राशि वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के रूप में दी जाएगी।