SHIVPURI NEWS - केपी सिंह के पिछोर में सबसे ज्यादा निरक्षर, पढिए सरकारी आंकड़े

Bhopal Samachar

80 के दशक में जब पूछा जाता था कि सरकार तैयार थी, वन विभाग को जंगल बनाने के लिए दूसरी जमीन और पैसे दे दिए गए थे तो फिर शिवपुरी की बंद खदानों को क्यों नहीं खुलवाया गया। तब कुछ लोग जवाब देते थे कि, सोने जैसा मूल्यवान पत्थर उगलने वाली खदानों को खुलवा दिया जाता तो शिवपुरी के लोग आत्मनिर्भर बन जाते। ऐसी स्थिति में "श्रीमंत महाराज साहब जिंदाबाद" कौन कहता। लेकिन पिछोर के पहलवान केपी सिंह ने तो इससे भी बड़ा काम किया है। उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता को साक्षर तक नहीं होने दिया। सन 2011 में बता दिया गया था की सबसे ज्यादा 57000 निरक्षर लोग पिछोर में है। उन्हें ढूंढ कर कम से कम सामान्य शब्द पढ़ने और हस्ताक्षर करने लायक बनाना है लेकिन 2023 तक केपी सिंह ने यह काम भी नहीं होने दिया। अब 2024 में अभियान शुरू हुआ है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार शिवपुरी जिले में शिवपुरी जिले में 3 लाख 38 हजार 201 निरक्षर है इनमें पोहरी में 49 हजार 18, करैरा में 39 हजार 151, शिवपुरी में 38 हजार 31, कोलारस में 33 हजार 925, पिछोर में 57 हजार 104, खनियाधाना में 39 हजार 715, बदरवास में 38 हजार 813 और नरवर में 42 हजार 444 निरक्षर है।

पिछोर के 57 हजार निरक्षरों की तलाश शुरू

पिछोर विकासखंड में 57 हजार निरक्षरों का पता लगाने प्राइमरी के शिक्षक घर घर सर्वे कर रहे हैं। इनकी सर्वे के बाद अक्षर साथी इनको साक्षर करेंगे। आगामी फरवरी माह में इन निरक्षरों को परीक्षा दिलाई जाएगी इनमें से सफल होने वाले निरक्षरों को साक्षर माना जाएगा।

साक्षरता मिशन उल्लास के प्रभारी आरआर जाटव ने बताया सभी को साक्षर करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा साक्षरता मिशन चलाया जा रहा है। पिछोर विकासखंड में 329 चेतना केंद्र बनाए गए हैं इनके प्रभारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक है। सभी केंद्रों पर  अक्षर साथी बनाकर सहयोग लिया जा रहा है।

अभी साक्षरता 65 प्रतिशत हैं

श्री जाटव के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर निरक्षरों की संख्या प्राप्त हुई है। विकासखंड के 186 ग्रामों में कितने निरक्षर है ग्राम बार संख्या सभी केंद्रों पर उपलब्ध है। शिक्षकों को सर्वे करके इन निरक्षरों की पहचान करना है। अभी विकासखंड की साक्षरता दर 65 प्रतिशत है।

यह आकडे है जनगणना 2011 के अनुसार

वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार विकासखंड की कुल जनसंख्या 2 लाख 41 हजार 558 थी इनमें से 1 लाख 84 हजार 454 साक्षर और 57 हजार 104 लोग निरक्षर पाए गए हैं। विकासखंड के 5 गांव ऐसे है इनमें निरक्षरों की संख्या अधिक है जिनमें भौंती में 1438, खोड़ में 1145, मनपुरा में 1099, बामौर डामरोन में 1021 और महोबा में 973 है। इनके सर्वे के लिए शिक्षकों की संख्या बढ़ाई गई है।

2027 तक सभी को साक्षर करने का लक्ष्य

सरकार का 2027 तक शत प्रतिशत साक्षर करने का लक्ष्य है राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस कार्यक्रम को लीड किया जा रहा है। जनपद शिक्षा केंद्र इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके लिए प्रभारी और बीआरसीसी द्वारा शिक्षकों की जन शिक्षा केंद्र स्तर पर बैठक ली जाती है। निकटतम माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी को सुपरवाइजर बनाया गया है।