शिवपुरी। खनिज संपदा के अवैध उत्खनन को बचाने के लिए मप्र सरकार का माइनिंग विभाग काम करता है,कही भी अवैध खनिज का उत्खनन होता है तो माइनिंग विभाग कार्यवाही कर पेनल्टी अधिरोपित करता है। लेकिन करैरा में एक पहाड़ गायब हो गया,अवैध उत्खनन करने वालो ने पहाड़ को खोद कर बेच दिया और जब माइनिंग विभाग की नींद खुली जब तक 1.81 लाख घन मीटर पहाड़ गायब हो गया।
माइनिंग विभाग ने कार्रवाई करते हुए 27 करोड़ की पेनल्टी लगा दी,लेकिन सवाल यह जिंदा है कि पैसो से माइनिंग विभाग पहाड़ को उगा सकता है,अब भी कह सकते हो नही। अवैध उत्खनन करने वाले ने अभी तक 27 करोड़ रुपए भी जमा नहीं किए,माइनिंग विभाग को कानूनी चैलेज करने में जुट गया है। पेनल्टी जमा होगी,कितनी होगी कब होगी यह विषय नहीं है लेकिन विषय यह है कि जब 1.81 लाख घन मीटर पहाड खुदकर बिक गया जब माइनिंग विभाग कहां सो रहा था। वही माइनिंग विभाग अभी भी इस पहाड़ पर अवैध उत्खनन नही रोक पा रहा है। मीडिया के सवालों पर माइनिंग विभाग के अफसर कागजी कार्यवाही के आंकड़ों को गिना देते है।
जानकारी के मुताबिक करैरा में फोरलेन हाइवे किनारे खसरा नंबर 1898 में प्राकृतिक पहाड़ है, जिसे एक साल से धीरे-धीरे खोदकर 70% से ज्यादा खत्म कर दिया है। मामले की खनिज विभाग ने जांच कराई तो करीब 1.81 लाख घन मीटर मटेरियल उत्खनन पाया। इसमें 50 रु. प्रति घन मीटर के हिसाब से करीब 27 करोड़ की पेनल्टी प्रस्तावित कर दी है। जुलाई 2024 से मामला कलेक्टर कोर्ट में प्रचलित है।
इसके बावजूद पहाड़ खोदने का सिलसिला जारी है। रात के अंधेरे में बुलडोजर ले जाकर उत्खनन किया जा रहा है। हाइवे किनारे जमीन लगी होने की वजह से पहाड़ को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। अनुविभागीय मुख्यालय पर अवैध उत्खनन को लेकर स्थानीय प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अफसर व अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है।
मिलीभगत, वैध कॉलोनी नहीं, प्लॉट बिकने के साथ नामांतरण भी हुए
फोरलेन हाईवे से लगी जमीन पर प्लाटिंग की है। प्लॉट की रजिस्ट्री हुई हैं और और उसके नामांतरण भी हो गए हैं। नगरीय क्षेत्र होने के बाद भी टीएंडसीपी से कॉलोनी की परमिशन नहीं है। हालांकि डायवर्सन की बात जरूर कही जा रही है।
पहाड़ के संग हरियाली भी खत्म हुई
उत्खनन से पहाड़ तो समूल खत्म किया ही जा रहा है, ऊपर से हरियाली भी खत्म कर दी है। पहाड़ सहित आसपास पेड़ मौजूद थे, ि जिनमें से अधिकांश मौके से गायब हो गए हैं। पर्यावरण संरक्षण पर पूरी दुनिया गंभीर है, लेकिन करैरा में पर्यावरण नुकसान की जिम्मेदार अफसरों को कोई चिंता नहीं है।
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाऊंगा
उत्खनन हम नहीं करा रहे हैं। मेरे खिलाफ गलत पेनाल्टी लगाई है, इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाऊंगा। खेती की जमीन में से 3 बीघा का डायवर्सन कराया है, जिसमें कॉलोनी कट रही है।
भावेश गोयल, कॉलोनाइजर
फिर से उत्खनन हो रहा है तो मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगे
मौके पर जितना उत्खनन हुआ था, उसकी जांच कर 27 करोड़ की पेनाल्टी लगाई है। यदि फिर से उत्खनन हो रहा है तो मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगे।
सोनू श्रीवास, माइनिंग इंस्पेक्टर
पेनाल्टी प्रस्तावित कर प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में भेजा है
उत्खनन को लेकर हमने जांच कराकर प्रकरण बनाया है। पेनाल्टी प्रस्तावित कर प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में भेजा है। अभी पेनाल्टी जमा नहीं हुई है। इस कार्रवाई के बाद भी उत्खनन चल रहा है, इस बारे में जानकारी नहीं है। प्रमोद शर्मा, जिला खनिज अधिकारी शिवपुरी