SHIVPURI NEWS - कुटुम्ब न्यायालय ने तीन तलाक के आधार को किया खारिज

Bhopal Samachar

शिवपुरी। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला ने एक महत्वपूर्ण फैसले में तीन तलाक की न्यायालयीन घोषणा के आधार को खारिज कर दिया है। प्रतिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता पंकज आहूजा ने की।

संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि वादी मोहम्मद नसीर पुत्र मोहम्मद शफी उम्र 60 साल निवासी आईटीआई रोड शिवपुरी ने दिए जाने को लेकर और उसकी न्यायालय द्वारा घोषणा कराए जाने को लेकर एक याचिका कुटुम्ब न्यायालय में प्रस्तुत की। इस याचिका में उल्लेख किया गया कि उसका व प्रतिवादी शबाना बानो पत्नी मोहम्मद नसीर उम्र 50 साल हाल निवास आईटीआई रोड का निकाह 15 जून 2012 को मुस्लिम विधि से एक लाख 786 रुपये के मेहर पर झांसी उप्र में हुआ था।

वादी की पूर्व पत्नी तथा प्रतिवादी के पूर्व पति की मृत्यु हो चुकी थी। प्रतिवादी के पूर्व पति से दो पुत्री भी थी, उन्हें भी प्रतिवादी ने साथ रख लिया था, जिनका पालन पोषण व पढाई लिखाई वादी ने किया था। 4-5 वर्ष पूर्व वादी ने प्रतिवादी से बड़ी लड़की की शादी करने को कहा और 2-3 रिश्ते बताये पर वह टालमटोल करती रही, ज्यादा कहने पर उसका व्यवहार क्रूर हो गया।

कई बार वादी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा कर बंद भी करवाई। इसी के चलते वादी पुत्र के साथ अलग निवास कर रहा है। वादी ने प्रतिवादी के भाई भाभी को बुलाकर समझाया पर प्रतिवादी ने घर में नहीं रहने दिया तथा पुत्री की शादी के लिये भी तैयार नहीं हुई और उसे बिना बताये पुत्री की शादी झारखंड में कर दी।

तमाम प्रयासों के बावजूद प्रतिवादी के व्यवहार में परिवर्तन नहीं आया तो 21 जुलाई 2020 को दाम्पत्य संबंध का अच्छी तरह निर्वहन करने हेतु अधिवक्ता के जरिये नोटिस भेजा तथा व्यवहार न सुधारने पर तलाक की चेतावनी दी। इसके बावजूद प्रतिवादी ने अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं किया और गलत जवाब भिजवा दिया।

जिससे स्पष्ट हो गया कि प्रतिवादी रिश्ता चलाना नहीं चाहती तथा उनका एक साथ रहना नामुमकिन हो गया तब वादी ने 6 मार्च 2023 को गवाह सरफराज व मुस्ताक खान के समक्ष प्रतिवादी को पहला तलाक उच्चारित कर लिखित नोटिस प्रेषित किया। प्रतिवादी ने अपने अधिवक्ता से जवाब प्रेषित कर तलाक स्वीकार करने से इंकार कर दिया।

इसके बाद वादी ने 8 अप्रैल 2023 को तलाक का दूसरा नोटिस भेजा था जो लेने से इंकार कर दिया। तीसरा नोटिस 9 मई 2023 को भेजा था। इस प्रकार वादी ने प्रतिवादी को मुस्लिम विधि के अनुसार तलाक दे दिया है परंतु प्रतिवादी ने तलाक को मानने से इंकार कर दिया है और झूठी रिपोर्ट कर रही है इसलिये तलाक की घोषणा हेतु दावा पेश किया है। मामले की सुनवाई के दौरान प्रकरण में आए तमाम तथ्यों एवं साक्ष्यों सहित उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों के आधार पर न्यायालय ने वादी के तीन तलाक के आधार को खारिज कर दिया।