SHIVPURI NEWS - रन्नौद के कन्या स्कूल में नहीं परोसा गया कभी मीनू अनुसार भोजन, नाराजगी

Bhopal Samachar

रन्नौद। प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराए जाने का दावा हर रोज अलग अलग मंच से किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में स्थिति बिल्कुल उलट पुलट है। क्योंकि इन स्कूलों में छात्र छात्राओं को मीनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराना तो दूर, बल्कि समूह संचालक,कभी खाना देते कभी नही , जब मन होता है तो एक रोटी मामूली सी सब्जी दी जाती है , इतना ही नही मंगलवार को तो महज एक पूड़ी मामूली सब्जी दी गई थी, जिसमें खीर तो करीब कई महीने से नहीं बनी है अब ऐसे में खुलेआम बच्चों के हक पर डांका डाला जा रहा है तो जिम्मेदार व समूह संचालक का क्या ही कहना,।

जानकारी के अनुसार संकुल केंद्र रन्नौद के अंतर्गत आने वाले शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय रन्नौद में इन दिनों मासूम कन्याओं के हक पर जमकर डांका डाला जा रहा है, जिसका कन्या विद्यालय की मासूम कन्याओं ने इनका पुर जोर से विरोध शुरू कर दिया है वहीं इन हरकतों से कन्या विद्यालय की महिला शिक्षकों ने भी नाराजगी जग जाहिर की है।

आपको बता दे कि शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय रन्नौद के स्कूल में कक्षा 1 से कक्षा 5 के बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलना होता है, जिसमें बच्चों को हर दिन मीनू अनुसार भोजन देने की व्यवस्था स्व-सहायता समूह के द्वारा की जाती है। लेकिन यहां कन्या स्कूल में बच्चों को मीनू अनुसार भोजन तो दूर पेटभर खाना भी नहीं दिया जा रहा है, पाठकों ज्ञात करा दे कि कन्या प्राथमिक विद्यालय में करीब 205 कन्या छात्राओं की संख्या दर्ज है, इस समय कन्या विद्यालय के एग्जाम चल रहे हैं ऐसे में करीब 180 से अधिक बच्चे परीक्षा देने विद्यालय भी पहुंच रहे हैं, ऐसे में बच्चों को खाना गुणवत्ताहीन दिया जा रहा है मीनू अनुसार तो कभी भी बच्चों की थाली में भोजन नहीं परोसा जाता हैं।

कन्या विद्यालय के बच्चों व शिक्षकों का कहना है कि मंगलवार को खीर पूड़ी व सब्जी मिलना थी खीर तो नही मिली, न ही पूड़ी मिली, जब विरोध किया तो एक - एक पूड़ी बच्चों को दी गई, जिसके बाद आज बुधवार का दिन था जिसमें ,पेट भर खाने में,रोटी, दाल एवं मिक्स वेज सब्जी मिलना थी वह नहीं मिली तो बच्चों ने चिल्ला चोट शुरू कर दी,।

बच्चों के हक पर डांका डालने की ख़बर जैसे ही मीडिया प्रतिनिधि फरहान काजी को ख़बर मिली तो मौके पर पहुंच कर कन्या विद्यालय की शिक्षक व कन्याओं से उनकी समस्या जानी जिसके बाद पता चला कि , कन्या विद्यालय के 205 बच्चों को महज 2 से 3 किलो आटा भेज कर रोटी व मामूली सी सब्जी बनवाई जा रही है तो, हकीकत में पाया कि, जितने बच्चे दर्ज हैं एवं परीक्षा के समय में जितने बच्चे आ रहे हैं उससे कम खाना बनाने सामग्री भेजी गई।

बता दे कि जब खाना बनाने के बाद जब बच्चों को खाना परोसा गया तब कई बच्चों को खाना नसीब नही हुआ करीब दो दर्जन से अधिक बच्चे ने द्वारा रोटी सब्जी मांगी तो रसोइया बोले कि हम कहा से सब्जी रोटी दे जितना सामान हमें मिला उतना खाना बना कर बच्चों को दे दिया गया अब गोर करने वाली बात यह कि होगी कि बच्चों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद जिम्मेदार क्या कुछ कार्यवाही करेंगे या फिर बच्चों के हक पर डांका डालने वाले समूह संचालक के हौसलों को बुलंद होने खुला नियम की धज्जियां उड़ाने खुला छोड़ दिया जाएगा या फिर कार्यवाही होगी।

यहां बताना जरूरी है कि मंगलवार को बच्चों को सभी सरकारी स्कूलों में विशेष भोजन दिया जाता है। लेकिन यहां केवल बच्चों को मात्र एक -  एक पूड़ी दी गई नाम मात्र को सब्जी दी गई जो कि बेहद चिंता का अहम विषय है। जबकि शासन के नियम के अनुसार प्राइमरी स्तर के बच्चे को पांच पूड़ी, खीर, सब्जी का आहार दिया जाना चाहिए लेकिन ऐसा रन्नौद के कन्या विद्यालय में नहीं हो रहा है।

इन कन्या विद्यालय की महिला शिक्षकों ने बच्चों की हक के लिए जंग छेड़ी ,सबनम खान, विशन बाई यादव, रेखा आदिवासी, महेश प्रजापति, आदि शिक्षकों ने मीडिया को जानकारी देते हुए समूह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है,।

इनका कहना है
बच्चों को हर रोज भर पेट सब्जी रोटी नहीं मिलने पर प्राचार्य सबनम खान ने नाराजगी जताई है साथ ही बताया कि समूह संचालक हर बार ऐसे ही मनमानी करती है। हर रोज दो से तीन किलो आटा पहुंचाती है सब्जी तो इतनी कम आती है बच्चों को आधा चम्मच से सब्जी दी जाती है द्वारा तो कभी सब्जी बच्चों के थाली में नही देखी है,मंगलवार को खीर पूड़ी सब्जी भर पेट मिलना थी बच्चों को आधा चम्मच सब्जी व एक पूड़ी दी गई साथ ही आज बुधवार के दिन तो 80 बच्चों को खाना दिया गया जिसमें मिक्स सब्जी मिलना थी वह नहीं मिली , जिससे बच्चों ने प्रदर्शन किया , हमने भी आज शिकायत दर्ज कराई है देखते क्या कार्यवाही होगी।

इनका कहना है
इस संबंध में संकुल प्राचार्य संतोष सेन से बात की गई तो उनका कहना था कि मध्याह्न भोजन का सारा मामला संबंधित बीआरसी साहब की देखरेख में संचालित होता है। बाकी में साहब को अवगत करा देता हु जांच करवा कर कार्यवाही करेंगे।