मोनू नामदेव @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले में लगातार ठंड अपना आक्रामक रुख अपना रही है। पारे के नीचे जाने के साथ साथ ठंडी हवाएं लोगों में कपकपी पैदा कर रही है। शिवपुरी में बीते सोमवार का न्यूनतम पारा 6 डिग्री दर्ज किया गया था। इस गलन भरी सर्दी के कारण शिवपुरी के जिला अस्पताल में गायनिक वार्ड में भर्ती आधा दर्जन से अधिक प्रसुताओं को अचानक पैनिक अटैक जैसी समस्या होने लगी है।
इस कारण इन सभी प्रसुताओ का ड्यूटी डॉक्टर ने ग्वालियर रेफर किया गया है। हालांकि यह पैनिक स्थिति अत्याधिक ठंड के कारण हो रही है ऐसा अभी तक किसी ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन माना जा सकता है कि ठंड के कारण ऐसी समस्या हो सकती है।
सोमवार की रात 9 बजे से रात 11 बजे के बीच सपना बंजारा उम्र 19 साल, प्रसन्न यादव उम्र 22 साल, प्रियंका बेड़िया उम्र 20 साल, रिंकी राजा चौहान उम्र 23 साल, हेमा खटीक उम्र 24 साल, सूफिया खान उम्र 32 साल, सोनम पाल उम्र 22 साल सहित लगभग एक दर्जन महिलाओं को रेफर किया गया है।
अचानक सभी को आने लगा था पैनिक अटैक
तोड़ा पिछोर के रहने वाले सीताराम पाल ने बताया कि वार्ड में डिलीवरी के लिए उसकी पत्नी भर्ती थी। रात में इंजेक्शन और बोतल लगाने के बाद उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे पैनिक अटैक जैसे झटके महसूस होने लगे। वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं को भी एक जैसी समस्या होने लगी थी। वार्ड में डॉक्टर ने यह कहते हुए रेफर कर दिया कि ये इमरजेंसी यहां कंट्रोल नहीं हो पाएगी।
पुरानी शिवपुरी के रहने वाले आसिफ खान ने बताया कि बहन की डिलीवरी हुई थी। दो घंटे बाद रात में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसे भी अचानक झटके आने लगे थे। ऐसा अन्य प्रसूताओं के साथ भी एक साथ हुआ था। इसके बाद डॉक्टर ने बिना कारण बताए ही ग्वालियर रेफर कर दिया।
एक अन्य परिजन आकाश खटीक ने बताया कि उनके पेसेंट को भी इसी तरह ग्वालियर रेफर कर दिया गया था। आकाश भी कहना है कि उसके साथ कई महिलाओं को ग्वालियर रेफर किया गया था। एक अन्य परिजन मुकेश खटीक का भी यही कहना है कि उसकी साली को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था। रात में उसे एकाएक झटके आने लगे थे। फिर डॉक्टर कुछ बिना बताए ग्वालियर रेफर कर दिया।
ड्यूटी डॉक्टर नीरजा शर्मा का कहना है
एक पेशेंट को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम हुई थी इसके बाद उसे ग्वालियर रेफर किया गया था बाकी पेशेंट को प्रक्रिया के तहत ही रेफर किया गया था।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बी एल यादव का कहना है
जिले भर से गंभीर केस ही डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में लाए जाते हैं। मेडिकल कॉलेज में भी गायनिक के केवल दो डॉक्टर हैं जिसकी वजह से जिला अस्पताल से ज्यादा रेफर नहीं किए जा सकते हैं। कुछ गंभीर पेसेंट को ही रेफर करना रुटीन प्रक्रिया है। लेकिन डॉक्टर को एक साथ इतने मरीजों को रेफर नहीं करना चाहिए था। आगे से ऐसा ना हो इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
यह है पैनिक अटैक के लक्षण
तेज धड़कन,सांस लेने में तकलीफ़,चक्कर आना,कांपना छाती में दर्द या बेचैनी,मतली या पेट में तकलीफ,ठंड लगना या गर्मी लगना,स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी जैसी अनुभूति होना
पैनिक अटैक के बारे में कुछ और बातें
पैनिक अटैक अक्सर बिना किसी चेतावनी के आते हैं।
ये तब भी हो सकते हैं जब आप आराम कर रहे हों या सो रहे हों। पैनिक अटैक एक बार की घटना हो सकती है। लेकिन कई लोग बार-बार इस तरह के हमलों का अनुभव करते है।