करैरा। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय करैरा के शिक्षक अजय आर्य की मौत के मामले में जांच समिति ने अपनी जांच में संकुल प्राचार्य अरविंद यादव को दोषी पाया गया है। समिति ने खुलासा किया कि प्राचार्य द्वारा शिक्षक अजय आर्य को अनावश्यक रूप से मानसिक दबाव में डालकर मनमाने तरीके से रिलीव किया गया, जिसके चलते यह घटना हुई।
जांच टीम में पिछोर बीईओ विनोद गुप्ता, प्रदीप पाठक प्राचार्य, हाई स्कूल बडेरा, पिछोर और विनोद पाठक प्राचार्य, वीरपुर, खनियाधाना शामिल थे। टीम ने अपनी जांच में पाया कि जुलाई में शिक्षक अजय आर्य को उत्कृष्ट विद्यालय करैरा में अटैच किया गया था। अगस्त में दो और गणित शिक्षक आ गए जिससे शिक्षकों की संख्या तीन हो गई थी।
जब अगस्त में ही अतिरिक्त शिक्षक मौजूद थे, तो 27 नवंबर तक अजय आर्य को रिलीव क्यों नहीं किया गया। जांच टीम ने पाया कि संकुल प्राचार्य अरविंद यादव ने अजय आर्य को रिलीव किया जबकि इसके पीछे कोई ठोस आवश्यकता नहीं थी। शिक्षक अजय आर्य जुझाई ग्राम में पदस्थापना नहीं चाहते थे लेकिन संकुल प्राचार्य ने उनकी बात को अनदेखा कर 27 नवंबर को उन्हें रिलीव कर दिया।
रिलीव किए जाने के तनाव में अजय आर्य को उसी दिन साइलेंट हार्ट से उनकी मौत हो गई। उसी रात में अजय आर्य की पत्नी नीतू आर्य ने व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा, 'तुमने मेरे पति को दुनिया से ही रिलीव कर दिया, मिठाई लेने आ जाना। इस मैसेज के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था।
इनका कहना है
जब अगस्त में पर्याप्त शिक्षक थे तो अगस्त माह में ही रिलीव करना था। 27 नवंबर को रिलीव करना ही जांच में गलत पाया गया है। हमने संबंधितों के कथन लेकर जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया है। आगे की जिला शिक्षा अधिकारी करेगें। विनोद गुप्ता, जांच अधिकारी।
मैंने अभी जांच रिपोर्ट नहीं देखी
मैंने अभी जांच रिपोर्ट देखी नहीं रिपोर्ट में जो भी तथ्य होंगे उसके आधार पर उचित कारवाई की जाएगी। अगर कोई दोषी है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। - समर सिंह राठौड़, डीइओ शिवपुरी।