SHIVPURI NEWS - कोलारस जनपद के इंजीनियर सबसे भ्रष्ट, काम पूर्ण होने से पहले निकलवा दिया पैसा

Bhopal Samachar

हार्दिक गुप्ता @कोलारसनामा। शिवपुरी जिले की जनपदो में भ्रष्टाचार की ब्रांड बन चुकी कोलारस जनपद,यह इसलिए हो रहा है कि इस जनपद के इंजीनियर की वर्किंग भ्रष्टाचार हो बढ़ावा दे रही है। जनपद की कई पंचायतों में निर्माण कार्यो का पैसा निर्माण से पूर्व ही निकल चुका है। पंचायत के सरपंच और सचिव हमेशा भ्रष्टाचार के लिए बदनाम होते है लेकिन पर्दे के पीछे भ्रष्टाचार में सहयोग करने के लिए भ्रष्ट इंजीनियरिंग दोषी है इसका जीता जागता उदाहरण यहां देखने को मिल रहा है।

कोलारस मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देहरदा सड़क ग्राम पंचायत के जूर गांव में निर्माण पूरा किए बिना ही सात कल्वर्ट पुलियाओं का 85 लाख 12 हजार रुपए में से  73.49 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई है। इन सात कल्वर्ट पुलियाओं मे किसी में भी सीसी सडक नहीं डाली गई इसके बावजूद जनपद के इंजीनियरों ने इनका सत्यापन मूल्यांकन कर भुगतान कर दिया जिम्मेदार अब अपने किए पर पर्दा डालने में लगे हैं।

यह सोचने वाली बात है कि इस जनपद के भ्रष्ट इंजीनियर अगर सत्यापन ईमानदारी से करते तो इस निर्माण का पैसा सीसी के निर्माण के बाद ही निकलता,लेकिन ऐसा नहीं हुआ यहां कलमधारी इंजीनियर ने घर बैठे ही अपनी रिश्वत वसूल कर काम का सत्यापन और मूल्यांकन कर दिया और इस सत्यापन और मूल्यांकन की दम पर सरपंच और सचिव ने सरकारी पैसे का आहरण कर लिया।  

जानकारी के अनुसार  कोलारस जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत देहरदा सड़क में वर्ष 2023-2024 मे सात कलवर्ट पुलिया स्वीकृत हुई थी जिसमे 13.05 लाख की लागत से हरवीर के खेत के पास बनने वाली पुलिया में 10.65 लाख की निकाल ली गई ऐसे ही 9.92 लाख की लागत से रमेश जाटव के खेत के पास बनने वाली पुलिया से 9.49 लाख की राशि,11.07 लाख की लागत से हरिराम जाटव के खेत के पास वाली पुलिया से 11.01 लाख की राशि,12.23 लाख की लागत से मेहरबान के खेत के पास बनने वाली पुलिया से 9.14लाख की राशि,12.85 लाख की लागत से पन्नालाल के खेत के पास बनने वाली पुलिया से 10.43 लाख,12.72 लाख की लागत से बद्री आदिवासी के खेत के पास बनने वाली पुलिया से 11.85 लाख की राशि, 13.28लाख की लागत से अर्जुन सिंह के खेत के पास बनने वाली पुलिया से 10.92 लाख की राशि निकाल ली गई। अब भाषा को और सरल लिखने का प्रयास करते है। कि इन सब निर्माणाधीन पुलिया का एस्टीमेट की जितनी रकम बनी थी उतनी ही स्वीकृत हुई है।

यहां पर इन पुलियाओ का काम पूरा नहीं हुआ और पूर्णता स्वीकृत राशि का बजट निकाल लिया है। काम पूर्ण होने के बाद विभाग के इंजीनियर काम पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी करते है इसका विधिवत भौतिक सत्यापन किया जाता है उसके बाद ही इंजीनियर पेमेंट के सीसी जारी करते है उसके बाद ही पेमेंट का पूर्ण आहरण किया जाता है लेकिन यह काम अभी 60 प्रतिशत ही काम हुआ था लेकिन भुगतान 95 प्रतिशत से अधिक निकल गए यह सवाल यही बडा है।

आदिवासी महिला सरपंच के अशिक्षित होने का फायदा उठा रहे जिम्मेदार
देहरदा सड़क पंचायत में नीलम आदिवासी सरपंच है सरपंच का अशिक्षित होने का फायदा  उठाकर उपसरपंच पति और सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में होने वाले विकास कार्यों में धांधली की जा रही है जिसका जीता जागता प्रमाण जूर गांव में बनने वाली पुलियाओं मे देखा जा सकता है,ग्रामीणों की माने तो ग्राम पंचायत की सरपंची उपसरपंच के पति दीपक रघुवंशी चला रहे है इन्ही के द्वारा ग्राम पंचायत के विकास कार्य किए जा रहे है

मात्र 2 पाईप डालकर बनाई जा रही 110 फुट लंबी पुलिया
ग्राम पंचायत देहरदा सडक मे अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत यथार्थ साबित हो रही है अब तक पुलियाओे जितना निर्माण हुआ है उसमे अवैध रूप से लाई जा रही सिंध की बजरी का उपयोग किया जाकर फर्जी बिल लगाए गए है।  यहां ज्यादा राशि के बिल लगाने के चक्कर में छोटी सी पुलियाओ को लगभग 110 फीट लंबा बनाकर राशि निकाल ली गई।

इतनी लंबी पुलियाओ में मात्र दो पाइप डाले हैं। उक्त पुलियाएं खेतों से पानी निकालने के बनाया जाना है। कुछ पुलिया की खास बात यह है कि पानी निकालने के लिए डाले गए पाइप से पानी ही नहीं जा रहा है।चुकि फाउंडेशन की खुदाई नहीं की गई जिसके चलते पाइप के नीचे से ही पानी बह रहा है।

बिना निरीक्षण के किए जा रहे मूल्यांकन व सत्यापन
देहरदा सड़क पंचायत मे पुलियाओ का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं  हुआ है जबकि उपयंत्री आकाश शर्मा ने बकायदा मुल्यांकन सत्यापन कर भुगतान भी कर दिया जबकि ग्रामीण बताते हैं कि अब तक उक्त पुलियाओं मे से किसी भी पुलिया के निर्माण कार्य में मात्र ढाई से तीन लाख रुपए से ज्यादा खर्च नही हुए होंगे। तकनीकी स्वीकृति के विपरीत और घटिया क्वालिटी की पुलिया बनाए जाने के मामले में जनपद पंचायत के अफसरों की चुप्पी निश्चिततौर पर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं।

इनका कहना है कि
मामला मेरे संज्ञान में है आप जिन पुलियाओं की बात कर रहें है उनमें जितना काम हुआ है उतने का ही भुगतान हुआ है
आरके शर्मा, सहायक यंत्री