SHIVPURI NEWS - स्वास्थ्य ही जीवन का मूलमंत्र है, अस्वस्थता एक अभिशाप हैं: कमांडेंट आलोक सिंह

Bhopal Samachar

शिवपुरी। स्वास्थ्य ही जीवन का  मूलमंत्र है, अस्वस्थता एक अभिशाप है,18 बटालियन में वृहद स्वास्थ्य शिविर लगाना यह हमारे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है,तथागत फाउंडेशन के द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए निरंतर स्वास्थ्य शिविर लगाएं जातें हैं, ये बात मंच पर मुख्य अतिथि को आसंदी से सम्बोधित करते हुए 18 बटालियन के सेनानी आलोक कुमार सिंह ने कही।
 
वहीं तथागत फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी आलोक एम इंदौरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिसकर्मी हम सभी की सुरक्षा के लिए कठिन परिश्रम और ड्यूटी करते हैं और इस कठिन ड्यूटी के कारण वे कहीं बार अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं।

और उनका और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दायित्व सामाजिक संस्थाओं का भी है और तथागत फाउंडेशन अपने इस दायित्व का निर्वहन कर रहीं हैं और इस बार हमारे सहयोगी आरोग्य भारती है।

मेघा स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ मंचासीन अतिथि कमांडेंट आलोक कुमार सिंह, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ आशुतोष चौरासी, तथागत फाउंडेशन के अध्यक्ष आलोक एम इंदौरिया,आरोग्य भारती के सहपालक डॉ पीके खरे, जिला अध्यक्ष डॉ गिरीश दुबे एवं कार्यक्रम के संयोजक रवि गोयल ने दीप प्रज्वलित कर किया।

तथागत फाउंडेशन के द्वारा आरोग्य भारती तथा मेडिकल कॉलेज के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 18 बटालियन की ओर से मंच और समस्त चिकित्सक गणों का माल्यार्पण के द्वारा कमांडेंट आलोक कुमार सिंह ने स्वागत किया गया वहीं 18 बटालियन की ओर से चिकित्सको सम्मान पत्र भी प्रदान किए गये। इस कैंप में 350 से अधिक मरीजों स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और 18 बटालियन के इतिहास में कमांडेंट आलोक कुमार सिंह नेतृत्व में पहली बार इतना मेघा शिविर आयोजित किया हैं।
 
इस कैंप को सफल बनाने में डिप्टी कमांडेंट मनोज वर्मा,असिस्टेंट कमांडेंट श्रीमती रितु केबरे,सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार,सब इंस्पेक्टर अनूप लोधी,सब इंस्पेक्टर भुवनेश  गौतम सहित तथागत फाउंडेशन के राजेश गुप्ता, राहुल गंगवाल, राजेन्द्र राठौर, लवलेश जैन चीनू, अजय राजपूत,रवि गोयल,संतोष शिवहरे, नीरज कुमार छोटू, श्रीमती श्वेता एवं श्रीमती आकांक्षा गौड़ ने इस शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


लगभग 350 मरीजों का परीक्षण किया गया जो निम्नानुसार है
एस ए एफ कर्मियों शुगर और बीपी की जांच की गई
मेडिसिन में डा गिरीश दुबे ने 132 मरीज का परीक्षण किया गया और 20 मरीजों की ईसीजी की गई है इसमें शुगर, हाइपरटेंशन, एसिडिटी और पेट से  संबंधित मरीज सर्वाधिक रहें।

डॉ प्रदीप राजोरिया ने चेस्ट रोग में 28 मरीज देखे जिनमे 14 अस्थमा के 6  एलर्जी के और 5 मैरिज ब्रोंकाइटिस के थे।  
 
डॉ.दिनेश अग्रवाल ने आंखों में  लगभग 100 मरीज का परीक्षण किया जिसमें दो मोतियाबिंद की मरीज पाए गए और 30 मरीजों को चश्मे की आवश्यकता थी मोतियाबिंद के मरीज का बुधवार को ऑपरेशन कर दिया जाएगा

मनोचिकित्सक डॉक्टर देवेश व्यास ने 10 मरीज देखे जो यह क्या न्यूरोसाइकाइट्रिक के थे

डॉ प्रीतम कतरौलिया ने चर्मरोग में 125 मरीज देखे एक्ने के 40 काले दाग, धब्बे एवं फंगस के इन्फेक्शन के कुल 60 मरीज पाए गए

स्त्री रोग में डॉ.डोली नागोरिया ने 20 महिला मरीजों को दिखा जिसमें कुछ मरीजों को यूं एस डी और पेप्सीमीयर था

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.अनूप गर्ग ने 40 बच्चों को देखा जो विभिन्न मौसमी बीमारी से पीड़ित थे

डॉ अरविंद करोरिया ने अस्थि रोग में 80 मरीज देखे जिसमें एक मरीज के घुटने की सर्जरी होना है बाकी कमर दर्द और हड्डियों की कमजोरी से पीड़ित पाए गए ।

डॉ.अलीशा सिंह ने दन्त में  65 मरीजों का परीक्षण किया एक मरीज मुख्य के कैंसर के प्री स्टेज की संभावना पायी गयी अन्य दांतों में पानी लगना, कैविटी आदि से पीड़ित पाये गये।
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ मेघा प्रभाकर ने 50 से अधिक मरीजों को दिखा जिसमें एलर्जी, कानों से मवाद आना, कम सुनाई देना और बच्चों में टॉन्सिल्स की बीमारी पाई गई।