शिवपुरी। शिवपुरी शहर के आसपास संचालित गट्टा ( भूसे से बनने वाला फैक्ट्रियां ) वायु प्रदूषण फैलाकर पर्यावरण को बदहाल कर रही हैं। स्थिति यह है कि वायु प्रदूषण फैलने के कारण गट्टा फैक्ट्री के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं इन फैक्ट्रियों के आसपास मौजूद किसानों के खेत भी फैक्ट्री से उठने वाली रज के कारण बंजर होते जा रहे हैं।
ग्रामीणों और किसानों की इन तमाम परेशानियों को देखते हुए समाजसेवी और लक्ष्मण सिंह रावत ने बुधवार को इन गट्टा फैक्ट्री की लिखित शिकायत शिवपुरी एसडीएम उमेश चंद्र कौरव को दर्ज कराई है। इसके बाद एसडीएम ने लक्ष्मण सिंह रावत को इन गट्टा फैक्ट्रियों को किन मानकों के आधार पर परमिशन दी गई है इसकी जांच टीम द्वारा कराए जाने का आश्वासन दिया है।
रिहायशी इलाके में आधा दर्जन फैक्ट्रियां संचालित
दरअसल शिवपुरी - गुना फोरलेन हाइवे पर सीआरपीएफ कैंप के आगे सतेरिया मुदैनी के समीप नियम कानून को दरकिनार कर बड़े पैमाने पर गट्टा फैक्ट्रियां संचालित हैं। जो आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। यहां रहने वाले कई नागरिक श्वास एवं दमा की बीमारी से ग्रसित हो गया हैं।
राजश्री गांव के जगदीश ओझा ने बताया कि उनका पुत्र नहीं गट्टा फैक्ट्री से निकल रहे धुंआ एवं रज के कारण बीमार है। उसका इलाज ग्वालियर चल रहा है। छोटू आदिवासी का कहना है कि वह मजदूरी करता है तो उसे परेशानी आती है। ये अवैध फैक्ट्रियां वास्तव में आमजन के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं।
इन फैक्ट्री के पास दून पब्लिक स्कूल भी है जिससे छात्रों को भारी समस्या का सामना करना पड रहा है। दबंग फैक्ट्री मालिकों की वजह से स्कूल संचालक भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। इन संचालित फैक्ट्रियों पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की बोर्ड से एनओसी नहीं है।