शिवपुरी। शिवपुरी जिले की बदरवास जनपद पंचायत के सीईओ अरविंद शर्मा के के खिलाफ रीवा लोकायुक्त पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। पुलिस ने सीईओ को वर्ष 2019 में रीवा संभाग की उचेहरा जनपद सीईओ रहते हुए 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। इसके बाद से शासन से अनुमति न मिलने के कारण यह चालान लंबित था। लगातार शिकायतों व भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद भी सीईओ अपनी कुर्सी पर डटे हैं और इन्हें पद से हटाने की कार्रवाई नहीं हो रही।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में बदरवास जनपद सीईओ अरविंद शर्मा वर्ष 2019 में सतना की उचेहरा जनपद में सीईओ के पद पर पदस्थ थे। 3 जुलाई 2019 को रीवा की लोकायुक्त पुलिस ने एक शिकायत पर सीईओ शर्मा को 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। उसके बाद से यह मामला फाइलो में दब गया था और इसके बाद से सीईओ शर्मा लगातार किसी न किसी जनपद में सीईओ की कुर्सी पर बैठे हुए हैं।
इस कार्रवाई के बाद भी सीईओ के खिलाफ कई शिकायतें हुई और कुछ माह पूर्व ग्वालियर संभागायुक्त भी सीईओ के खिलाफ कार्रवाई हेतु प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र लिख चुके हैं। इसके बाद भी सीईओ कुर्सी पर डटे हुए हैं । लोकायुक्त पुलिस ने सीईओ पर दर्ज प्रकरण में शासन से अनुमति मांगी और अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में यह चालान पेश किया है।
बदरवास में भी भ्रष्टाचार के रंग में रंगे है
जनपद बदरवास की 20 पंचायतों में हुए 15 करोड़ के घोटाला उजागर होने के बाद प्रशासन के हाथ-पैर फूले तो 9 रोजगार सहायकों को निलंबित कर दिया था। साथ ही बदरवास जनपद के सहायक यंत्री अनिल सहायक पटेरिया, परियोजना अधिकारी स्नेहलता गुप्ता को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बर्खास्त कर दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरे मामले के मुख्य दोषी रहे जनपद सीईओ अरविंद शर्मा की जांच रिपोर्ट संभागायुक्त के पास है।
बदरवास जनपद सीईओ पूर्व में तीन बार लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रेप हो चुके हैं। रीवा के एक मामले में तो लोकायुक्त ने पांच साल पूर्व से शासन को चालान पेश करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। जिसके चलते उक्त अधिकारी के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि बदरवास जनपद पंचायत में 20 ग्राम पंचायत में हुए 15 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। उक्त कार्रवाई में छोटे कर्मचारियों को तो वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निलंबित या सेवा से बर्खास्त कर दिया, लेकिन जो प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं उक्त अधिकारी अभी नोटिस तक ही सीमित है। क्या यह कार्रवाई भी लोकायुक्त की तरह महज कागजों तक ही सीमित रहेगी?।
जनपद सीईओ कहां-कहां हुए ट्रेप
सीईओ अरविंद शर्मा को 3 बार लोकायुक्त ने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए है। शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद में थे, वहां भी रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा था। वही कोरोना काल में अरविंद शर्मा की गाड़ी से विजयपुर थाना प्रभारी सतीश साहू ने 1.90 लाख रुपए बरामद किए थे। अरविंद शर्मा का कहना था कि वो रूपए ग्राम पंचायत गसमानी के सचिव के हैं। इसके अलावा अरविंद शर्मा एक विभागीय जांच में भी दोषी पाए गए और एक वेतन वृद्धि भी रोकी गई है।
इनका कहना है
सीईओ अरविंद शर्मा जो कि वर्तमान में बदरवास जनपद में सीईओ के पद पर पदस्थ हैं। उनके खिलाफ विवेचना पूर्ण कर विधिवत अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद 25 नवंबर को सतना के विशेष कोर्ट में चालान पेश किया गया है।
प्रवीण सिंह परिहार, प्रभारी एसपी. लोकायुक्त, रीवा