शिवपुरी। श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आर्थिक अनियमितताओं के क्रम में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा विदेश में रह रही नर्स को इस्तीफे के उपरांत उसके अर्जित अवकाश और संतान पालन अवकाश स्वीकृत कर लगभग आठ लाख रुपये के भुगतान का मामला मीडिया ने प्रकाशित किया था।
कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने दिए थे जांच के ओदश
मीडिया में प्रकाशित इन खबरों को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने प्रमुखता से लेते हुए मामले की जांच संयुक्त कलेक्टर जेपी गुप्ता एवं जिला पेंशन अधिकारी छवि जैन बिरमानी से करवाई थी। उक्त टीम द्वारा विभिन्न तथ्यों और रिकार्ड को आधार बनाकर मामले की जांच की और पाया कि नियमों को ताक पर रखकर मेडिकल कालेज के तत्कालीन डीन डा. केबी वर्मा ने इस्तीफा के उपरांत नर्स बीना जोसेफ के 17 फरवरी 2022 से 16 फरवरी 2023 तक कुल 92 दिन का अर्जित अवकाश एवं 01 फरवरी 2023 से 11 फरवरी 2024 तक 360 दिन का संतान पालन अवकाश स्वीकृत कर 7 लाख 30 हजार 287 रुपये का भुगतान अवकाश वेतन के रूप में किया गया।
इसके अलावा 2 लाख 8 हजार 711 रुपये नर्स के एनपीएस खाते में जमा कराए गए। दल ने अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया है। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन डा. डी परमहंस को कई फोन और वाट्सएप मैसेज डालकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया परंतु उन्होंने जवाब नहीं दिया।
तरह की कानून अवहेलना
मध्यप्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 1977 के अंतर्गत किसी भी शासकीय सेवक का जमा अवकाश का दावा उस दिन समाप्त हो जाता है, जिस दिन उसे उसके पद से पदच्युत कर दिया जाए, निष्कासित कर दिया जाए या फिर उसके द्वारा त्याग पत्र दे दिया जाए। इसी क्रम में बीना जोसेफ ने 13 फरवरी को अपना त्याग पत्र दे दिया था, जबकि भुगतान उसके इस्तीफे के उपरांत स्वीकृत कर 15 मार्च 2024 को किए गए हैं।
यह है पूरा मामला
मेडिकल कालेज के निश्चेतना विभाग में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ बीना जोसेफ कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल कॉलेज से विना कोई अवकाश लिए लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहीं और भारत छोड़कर विदेश चली गई। वहां उन्होंने नौकरी भी की।
वर्ष 2024 में बीना जोसेफ लौट कर मेडिकल कालेज आई और 13 फरवरी 2024 को अपना इस्तीफा दे दिया। मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रभारी डीन डा. केवी वर्मा ने इसके वावजूद वीना जोसेफ को इस्तीफे के बाद अर्जित अवकाश और संतान पालन अवकाश स्वीकृत कर भुगतान को स्वीकृति प्रदान कर वीना जोसेफ को भुगतान करवाया, जबकि बीना जोसेफ के द्वारा न तो मेडिकल कालेज को सेवाएं प्रदान की गई थी और न ही नियमानुसार अवकाश लिया गया था।
इनका कहना हैं
मैंने और ट्रेजरी आफिसर ने मेडिकल कालेज में नर्स को भुगतान वाले मामले की जांच की थी। जांच पूरी हो गई है, हमने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर सर को सौंप दिया है। उसमें भुगतान संबंधी अनियमितताएं पाई गई है।
- जेपी गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर, शिवपुरी।