शिवपुरी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में पहली से 8वीं और 9वीं से 12वीं तक करीब 63 हजार बच्चे कहीं भी नामांकित नहीं है। इन बच्चों की ऑनलाइन मैपिंग नहीं हो पाने से सॉफ्टवेयर ने इन बच्चों को ड्रॉप बॉक्स में डाल दिया है। इस मामले में जिला प्रदेश में 54 वें पायदान पर है, जिसे लेकर कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने सख्त है।
कलेक्टर ने सभी बीईओ, बीआरसीसी और संकुल प्राचार्यों को आदेश जारी किया है कि अगले एक हफ्ते में शिक्षा की मुख्यधारा से अलग हुए इन 63 हजार बच्चों को पुनः नामांकित नहीं किया गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर की इस सख्ती के बाद विभाग के मैदानी अधिकारियों से लेकर शाला प्रभारियों तक हड़कंप मच गया है। इन बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़कर स्कूलों में प्रवेश की कवायद शुरू हो गई है।
लगातार बैठकों में हो रही समीक्षा
ड्रॉप बॉक्स में इतनी बड़ी संख्या में पहुंचने के बाद कलेक्टर के सख्त तेवर के चलते लगातार विकासखण्ड स्तर पर निजी और सरकारी स्कूलों के प्रभारियों की बैठकें आयोजित की जा रही है और प्रतिदिन पुनः नामांकित और मैप किए गए बच्चों की संख्या की समीक्षा हो रही है।
शुक्रवार को भी माधव चौक स्थित माध्यमिक स्कूल में शिवपुरी विकासखण्ड के निजी स्कूलों के प्रभारियों की बैठक डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने ली और समय सीमा में कार्य पूर्ण करने को लेकर दिशा निर्देश दिए। इस दौरान शिवपुरी बीईओ मनोज निगम, एपीसी मुकेश पाठक, बीआरसी बालकृष्ण ओझा, संकुल प्रभारी राजेश कम्ठान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
क्या है ड्रॉपबॉक्स
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा पिछले कुछ वर्षों से निजी व सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों की ऑनलाइन मैपिंग की जाती है। विद्यार्थी की आईडी से जाना जा सकता है कि वह किस स्कूल में अध्ययनरत है। लेकिन, प्रदेशभर में सॉफ्टवेयर ने पहली से 12 वी तक ऐसे बच्चों को ट्रेस किया है जो कभी स्कूलों में नामांकित तो थे, लेकिन किसी एक कक्षा में स्कूल छोड़ने के बाद अन्य किसी स्कूल में पुनः प्रवेशित नहीं हुए।
सॉफ्टवेयर ने ऐसे ही बच्चों को ड्रॉप बॉक्स में डाल दिया है और अब ड्रॉप बॉक्स की सूची के अनुसार ऐसे शाला त्यागी और अप्रवेशी बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कक्षाओं में प्रवेश दिलाया जाना है।
किस कक्षा में कितने बच्चे ड्रॉप बॉक्स में
शिवपुरी जिले की बात करें तो 6 दिसम्बर की स्थिति में पहली से 8वीं तक 13547 बच्चे ड्रॉप बॉक्स में है। जबकि, 9वीं से 12वीं तक यह संख्या 49663 है। इसी तरह यदि कक्षावार आंकड़ों पर नजर डालें तो कक्षा 1 में 1092, कक्षा 2 में 1306, कक्षा 3 में 1378, कक्षा 4 में 1340, 5 में 1500, 6 में 2829, 7 में 1535, 8 में 2564, 9 में 29553, 10 में 8505, 11 में 7544 व 12 वी में 4061 बच्चे फिलहाल ड्रॉप बॉक्स में बने हुए हैं जिन्हें पुनः प्रवेश दिलाया जाना है। सबसे ज्यादा 15500 बच्चे शिवपुरी विकासखण्ड में ड्रॉप बॉक्स में हैं।
मामले में डीपीसी दफेदार सिंह सिकरवार ने बताया
जिले में जो भी बच्चे ड्रॉप बॉक्स में हैं उन्हें पुनः प्रवेश देकर मैप करने की प्रक्रिया चल रही है। आज भी निजी स्कूलों के प्रभारियों की बैठक ली है। हम प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं। कलेक्टर साहब ने भी समय सीमा में उक्त कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। जहां भी लापरवाही बरती जाएगी उन पर कार्रवाई होगी।