शिवपुरी। गोवंश की तस्करी करते मिनी ट्रक जब्त किया था। तस्कर मौके से कूदकर भाग निकले थे। पुलिस ने विवेचना शुरू की तो पता चला कि ट्रक में लगी नंबर प्लेट फर्जी है। चेसिस नंबर के आधार पर पुलिस असली गाड़ी मालिक के पास पहुंची। मालिक के साथ.साथ मौके से भागे तस्कर भी ढूंढ निकाले हैं।
फर्जी नंबर प्लेट की वजह से विवेचना में 50 दिन लग गए। जानकारी के मुताबिक लुकवासा चौकी पुलिस ने 30 अक्टूबर 2024 की रात गोवंश से भरा ट्रक रोका। ट्रक में सवार तस्कर मौके से कूदकर भाग निकले। पुलिस गाड़ी की नंबर प्लेट क्रमांक एमपी 04जी ए7232 के आधार पर ढूंढते हुए भोपाल पहुंची।
गाड़ी मालिक ने घर के बाहर खड़ी अपनी गाड़ी दिखा दी और कहा कि मेरी गाड़ी तो यहां खड़ी है। पुलिस को वापस मायूस होकर लौटना पड़ा। फिर चेसिस नंबर के आधार पर गाड़ी का सही नंबर MP13 ZK 1358 निकला। पुलिस खोजबीन करते हुए धार पहुंची और गाड़ी के असली मालिक सोनू नाथ पुत्र किशोर नाथ निवासी कानव जिला धार को धर दबोचा। प्रधान आरक्षक विशाल सिंह को मामले की विवेचना में करीब 50 दिन लग गए।
हाइवे से ही गोवंश को उठाकर तस्करी करते थे
पूछताछ में सामने आया है कि सड़क पर जगह जगह बैठे गोवंश को उठाकर गाड़ी में डालते थे। इस गोवंश की तस्करी कर धार सहित अन्य जगह बेच आते थे। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया है।
गोवंश तस्करी करने वाले दोनों तस्कर भी पकड़े गए
गाड़ी मालिक सोनू नाथ पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसने बताया कि अपनी गाड़ी जितेंद्र पुत्र अशोक प्रजापति निवासी मालवीय नगर इंदौर और मनोज पुत्र कन्हैयालाल मीणा निवासी पीतमपुर को भाड़े पर दी थी। दोनों ही गाड़ी ले गए थे। पुलिस ने जितेंद्र और मनोज को भी धर दबोचा।
पूछताछ में पता चला कि 30 अक्टूबर को गाड़ी से कूदकर दोनों ही भागे थे। दीवान विशाल सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर को ट्रक पकड़ा तो अंदर 17 बछड़े मरे मिले थे जबकि 3 जिंदा हालत में थे। गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गोवंश का परिवहन कर रहे थे। फर्जी नंबर प्लेट लगाने पर धारा 318 ;4द्ध का इजाफा किया है।