शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के भौती क्षेत्र में लगभग 30 मूंगफली दाना मिले संचालित हो रही है। यह सभी मिले अवैध रूप से संचालित हो रही है। इन मूंगफली दाना मिलों से निकल रही धूल के कारण जहां मानव के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड रहा है साथ में मिलो के पास की जमीन पर खड़ी फसल भी कुपोषण का शिकार होती है,क्षेत्रीय लोगों ने इन मिलो की लगातार शिकायतें प्रशासन से की,लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई इस कारण इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता को हाईकोर्ट की शरण में जाना पडा।
याचिकाकर्ता उपेंद्र भार्गव ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव में मूंगफली प्रसंस्करण की मिलें चल रही हैं और धूल के कारण न केवल आसपास के क्षेत्र की फसलें खराब हो रही हैं, बल्कि धूल किसानों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रही है। शिकायतकर्ता के अनुसार अवैध रूप से संचालित इन मिलों के कारण लोगों को कई बीमारियां होती जा रही हैं।
उक्त याचिका की सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने क्षेत्रीय एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि यदि याचिकाकर्ता बीएनएसएस की धारा 152 के तहत आवेदन करता है, तो संबंधित एसडीएम उस आवेदन को लेगा और यथाशीघ्र उस पर निर्णय करेगा, ताकि यदि कोई उपद्रव हो तो उसे हटाया जा सके और इस प्रकार फसलों के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य को भी बचाया जा सके।
वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट ने मप्र प्रदूषण बोर्ड को निर्देश जारी किए हैं कि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को निर्देश दिया जाता है कि वह इस मुद्दे को यथाशीघ्र उठाए तथा अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करें।
एसडीएम ने जारी किए थे नोटिस, नहीं हुई कार्रवाई
यहां बताना होगा कि हाई कोर्ट जाने से पूर्व याचिकाकर्ता ने पिछोर एसडीएम को भी शिकायत दर्ज कराई थी कि मूंगफली के दाने के मिल की धूल के कारण उसके खेत में खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इसके अलावा मिल से उड़ने वाली धूल के कारण स्वास्थ्य की समस्या भी बनी हुई है। मिल वालों से निवेदन करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
गांव के लोग सुबह घूमने जाते हैं, जिससे उनको मूंगफली के दाने के मिल की धूल के कारण सड़क पर सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। रहवासी क्षेत्र में मूंगफली के दाने के पंखे के कारण सड़क पर जाम के स्थिति पैदा हो रही है। इसके अलावा पास में एक स्कूल भी संचालित है। इस कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मूंगफली के दानों के अवैध संचालित दाना मिलों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग शिकायत में की गई। उक्त आवेदन पर सुनवाई करते हुए मूंगफली
दाना मिल संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि इस कृत्य के लिए अपने संचालित मिल के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र, मिल का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एवं अन्य संबंधित दस्तावेज लेकर सूचना पत्र प्राप्ति के तीन दिन मे समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करें।
अन्यथा की स्थिति में आपके विरुद्ध मंडी अधिनियम के अंतर्गत निहित प्रावधानों के तहत विधि अनुसार एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में भी मिल संचालकों पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई और न ही मिलों से प्रदूषण समाप्त करने की दिशा में कोई कठोर कदम उठाया गया।
करीब 30 मिलों से फैल रहा प्रदूषण
यहां बताना होगा कि भाँती क्षेत्र में लगभग 30 दाना मिल हैं, जिनमें रोज मूंगफली की प्रोसेस की जाती है, जिससे कचरा न सिर्फ वायुमंडल में फैलता है बल्कि क्षेत्रीय लोगों को सांस लेने तक में परेशानी होती है। इन दाना मिल के संचालकों की शिकायत जब ग्रामीण स्थानीय स्तर पर करते भी हैं तो इसमें जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है।