SHIVPURI NEWS - विश्वास था कि एक दिन पति अवश्य मिलेंगें, 25 साल बाद मिले शिवपुरी के अपना घर आश्रम में

Bhopal Samachar

शिवपुरी। यह खबर पर विश्वास और अधिक विश्वास कराने के लिए प्रेरित करती है,क्यों कि कहते है कि अगर अटूट विश्वास है तो अवश्य ही काम होगा,कुछ ऐसा की देखने को मिला शिवपुरी के अपना घर आश्रम में। एक विवाहिता को उसके पति 25 साल बाद अपना घर आश्रम में मिल गए है। विवाहिता का कहना था कि पति के खो जाने के बाद लगातार उनसे परिवार और समाज सहित गांव के लोगों ने दबाव डाला की वह दूसरी शादी कर ले,लेकिन उसे विश्वास था कि उसके पति उसे मिलेगें और पूरे 25 साल बाद विवाहिता को उसके पति सकुशल शिवपुरी के घर आश्रम में मिल गए।

बिहार की रहने वाली रीता सिंह ने बताया कि वह 1999 में अपने बच्चे को लेकर मायके गई थी उसी समय उनके मानसिक दिव्यांग पति राजू गायब हो गए। परिजनों और उसने काफी तलाशने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मिले। सालो तक जब राजू की जानकारी नही की मिली तो उस पर परिजनो समाज और गांव वालो ने प्रेशर बनाया कि वह दूसरी शादी कर ले,उसका एक बच्चा है उसका पालन पोषण हो जाऐगा।

रीता सिंह   को विश्वास की पति एक दिन मिलेगा
विवाहिता  रीता सिंह   ने बताया कि जब शादी का अधिक प्रेशर आने लगा तो अपने गांव को छोड़कर इंदौर अपने बेटे को लेकर आ गई और एक बिस्कुट की फैक्ट्री में मजदूरी करने लगी,अब उसका बेटा भी बडा हो गया और उसकी भी शादी हो गई,उसके यहां भी एक बेटा हो गया। अब वह बहुत खुश है कि उसके विश्वास पर भगवान ने भी मोहर लगा दी उसके पति राजू उसे शिवपुरी के अपना घर आश्रम में मिल गए हैं।
 
गुना पुलिस ने सौंपा था अपना घर आश्रम को
गुना की बीना गंज पुलिस ने साल साल पूर्व एक छापा मार कार्यवाही में दबंगो दवारा मजदूरी कार्य करा रहे मानसिक रूप से बीमार राजू सिंह को मुक्त कराया और शिवपुरी के अपना घर आश्रम को सौंपा दिया। सवा साल तक अपना घर आश्रम के संचालको ने प्रभुजी राजू सिंह का इलाज कराया,उचित खानपान और इलाज के कारण प्रभुजी राजू सिंह की याददाश्त वापस आ गई और राजू ने अपने बिहार के घर का एड्रेस दिया। 52 साल के प्रभुजी राजू सिंह ने बताया कि वह बिहार से सीधे बीनागंज पहुंच गया था और उससे मजदूरी कराई जाती थी।

इंदौर से प्रभु जी को लेने पहुंचे परिजन
इसके बाद सभी परिजन उन्हें लेने अपना घर आश्रम पर पहुंचे। यहां शहर के समाजसेवी दीवान अरविंद लाल, एसकेएस चौहान, स्पेश चंद्र अग्रवाल, बबिता जैन पत्ते वाली, राजेंद्र गुप्ता सहित कई लोग अपना घर आश्रम पहुंचे जहां आश्रम की टीम और अध्यक्ष रमेश चंद्र अग्रवाल ने राजू और शाल-श्रीफल और माला पहनाकर विदाई थी। सभी लोगों की आंखों में खुशी के आंसू थे।

सेवा से 6 प्रभुजियों की याददाश्त आई वापस
अपना घर आश्रम से जुड़े एसकेएस चौहान ने बताया कि दिसंबर का महीना अपना घर आश्रम में रह रहे प्रभु जी और उनके परिजनों के लिए यादगार रहा क्योंकि शिवपुरी में सेवा कार्य के दौरान 6 प्रभु जी की याददाश्त वापस आई और जब उनके द्वारा बताए गए पते पर संपर्क किया तो यह सही निकला और परिजन उन्हें लेने यहां आए कुल मिलाकर शिवपुरी के अपना घर में 2024 का दिसंबर माह बिछड़े हुए परिवारों को मिलने के लिए यादगार रहा।

अपना घर आश्रम का संचालन करने में सहयोगी गौरव जैन ने बताया कि एक ओर प्रभु जी रमाकांत पांडे पिछले 6 महीने से अपना घर आश्रम में थे। बेहतर इलाज और देखरेख से यह भी स्वस्थ हो गए। जब उनकी याददाश्त गुरुवार को वापस आयी तो परिजनों से संपर्क किया गया। जिस पर उनके भाई आदित्य पांडे उन्हें लेने शिवपुरी आए और यहां से उज्जैन के लिए रवाना हो गए।