SHIVPURI NEWS - 23 दिन बाद सिंध का प्रवेश, लेकिन सीवर जैसी बदबू वाला पानी का कर दिया बटौना

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के प्यासे कंठो की की प्यास बुझाने वाली योजना सिंध जलावर्धन योजना की लाइन बदलने के कारण शटडाउन किया गया था। यह शटडाउन 23 दिन पूर्व किया गया था। जैसे ही लाइन जोड़ने के बाद पानी की सप्लाई दी गई,शिवपुरी शहर की 20 हजार पब्लिक के पास वास मारने वाला पानी पहुंच गया।

बीते रविवार को मड़ीखेड़ा का पानी पीना तो दूर नहाने और रोजमर्रा के अन्य कामों में उपयोग करने लायक भी नहीं था। हालात यह थे कि सीवर के पानी की तरह तेज बदबू आ रही थी, जिससे कई लोगों को ऐसा महसूस हुआ कि कहीं न कहीं पानी की लाइन में सीवर का पानी आ रहा है। यह गंदा पानी कलेक्ट्रेट, पोहरी बस स्टैंड, गायत्री कालोनी, नवाब साहब रोड क्षेत्र में करीब 20 हजार की आबादी को सप्लाई किया गया।

लाइन का प्रेशर टेस्ट करना था

इस संबंध में जब नगर पालिका के जिम्मेदारों से बात की गई तो उनका कहना था कि यह पानी सामान्य रूप से तो फेंका जाना था, परंतु लाइन का प्रेशर टेस्ट करने के लिए इस पानी से कलेक्ट्रेट, मनीयर व फतेहपुर वाली तीन टंकियां भरी गई थीं। इस पानी का उपयोग लोग न करें इस संबंध में ग्रुप में मैसेज डालने के लिए संबंधित  पंप अटेंडरों को सूचना भी दी गई थी।

यह बोले सीएमओ इशांक धाकड

सवाल यह है कि इस गंदे पानी को सप्लाई ही नहीं किया जाना था तो फिर  क्यों लोगों के घरों में इसे सप्लाई किया ग गया। आखिर क्यों इसका निस्तारण टंकियों पर लगे वाल्व के माध्यम से नहीं किया गया। हालांकि इस सवाल पर नगर पालिका शिवपुरी सीएमओ इशांक धाकड़ का कहना है कि मैं दिखवा लेता हूं कि पानी किन हालातों में टंकियों में भरा गया और सप्लाई लाइन में कैसे छोड़ दिया गया। स्पष्टीकरण लेकर उचि कार्रवाई की जाएगी।

यह बोले गायत्री कॉलोनी के निवासी

वहीं गायत्री कालोनी निवासी अमित का कहना है कि आज कई दिनों बाद घर में मड़ीखेड़ा की लाइन से पानी आया। पानी पूरी तरह से सड़ांध मार रहा था, जैसे गटर का पानी हो। इस पानी से टैंकरों में भरा हुआ पहले का साफ भी गंदा हो गया। अब इसे भी फेंकना पड़ा है।

साफ पानी भी खराब हो गया

टैंकरों से भरवाया साफ पानी भी हुआ खराब, लोगों का कहना है कि मड़ीखेड़ा से आई सप्लाई ने सुख की जगह दुख और दे दिया। एक दिन पहले ही बाजार से महंगे दामों में टैंकर खरीद कर जो पानी घर के टैंकरों में डलवाया था वह पानी भी मड़ीखेड़ा के इस गंदे पानी से खराब हो गया। अब पूरे टैंक के पानी को फेंक कर दोबारा से पानी डलवाना पड़ेगा।