शिवपुरी। शिवपुरी जिले कृषि विकास विभाग के उपसंचालक की माने तो शिवपुरी जिले मे वर्तमान में 22797 मै. टन खाद उपलब्ध है। जिसमें 7229 मै. टन यूरिया, 874 मै. टन डीएपी, 1065 मै. टन एनपीके, 13214 मै.टन एसएसपी, 415 मै.टन एमओपी उपलब्ध है,लेकिन उसके बाद भी किसानों को खाद के लिए मारामारी हो रही है।
खनियाधाना में किसानों के लिए हालात यह हो गए हैं कि किसानों को लाइन में लगने के बावजूद चार-चार दिन बाद भी टोकन नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यहां चार- चार दिन तक लाइन में लगने के बावजूद खाद के टोकन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। आरोप है कि अगर आपकी सेटिंग है तो आपको खाद मिलेगा अन्यथा नहीं।
बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर विवाद को स्थिति भी निर्मित हो गई। किसानों का आरोप है कि कई चक्कर लगाने के बावजूद यह पता नहीं लग पा रहा है कि खाद आखिर कब मिलेगा। खाद की किल्लत के कारण किसानों को बाजार से ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि इन दिनों क्षेत्र में गेहूं की बोबनी चल रही है।
उन्हें यूरिया की आवश्यकता है, परंतु सहकारी विपणन सोसायटियों द्वारा खाद मुहैया नहीं कराए जाने के कारण बाजार से खरीदना पड़ रहा है। बाजार में व्यापारी किसानों की जरूरत का नाजायज फायदा उठाकर अधिक दामों पर यूरिया उपलब्ध करवा रहे हैं।
पकड़ी गई थी नकली खाद की फैक्ट्री
खनियाधाना में खाद की किल्लत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों ने खाद की किल्लत का फायदा उठाने के लिए यहां पर नकली डीएपी खाद तक बनाना शुरू कर दिया था। नकली डीएपी बनाने वालों ने आसपास के गांवों में हजारों बोरी नकली खाद की सप्लाई कर डाली थी। सूत्र बताते हैं कि यह नकली खाद भी किसानों को ब्लैक में बेचा गया था। इस पूरे गोरखधंधे में क्षेत्र के कई दुकानदार भी शामिल होना बताए जा रहे हैं।
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इनका कहना है
आज सुबह किसानों के बीच विवाद की स्थिति इसलिए बनी क्योंकि पहले के बचे सो किसानों को टोकन बांटे गए, इसके बाद पहले उन्हें खाद दिया गया और इसके बाद आज के टोकन बाटे गए। इस कारण किसानों को गलतफहमी हो गई। खाद की वैसे हमारे यहां कोई कमी नहीं है। किसानों को पर्याप्त खाद मुहैया कराया जा रहा है।
शिवम उपाध्याय, तहसीलदार खनियाधाना।
बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर विवाद को स्थिति भी निर्मित हो गई। किसानों का आरोप है कि कई चक्कर लगाने के बावजूद यह पता नहीं लग पा रहा है कि खाद आखिर कब मिलेगा। खाद की किल्लत के कारण किसानों को बाजार से ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि इन दिनों क्षेत्र में गेहूं की बोबनी चल रही है।
उन्हें यूरिया की आवश्यकता है, परंतु सहकारी विपणन सोसायटियों द्वारा खाद मुहैया नहीं कराए जाने के कारण बाजार से खरीदना पड़ रहा है। बाजार में व्यापारी किसानों की जरूरत का नाजायज फायदा उठाकर अधिक दामों पर यूरिया उपलब्ध करवा रहे हैं।
पकड़ी गई थी नकली खाद की फैक्ट्री
खनियाधाना में खाद की किल्लत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों ने खाद की किल्लत का फायदा उठाने के लिए यहां पर नकली डीएपी खाद तक बनाना शुरू कर दिया था। नकली डीएपी बनाने वालों ने आसपास के गांवों में हजारों बोरी नकली खाद की सप्लाई कर डाली थी। सूत्र बताते हैं कि यह नकली खाद भी किसानों को ब्लैक में बेचा गया था। इस पूरे गोरखधंधे में क्षेत्र के कई दुकानदार भी शामिल होना बताए जा रहे हैं।
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इनका कहना है
आज सुबह किसानों के बीच विवाद की स्थिति इसलिए बनी क्योंकि पहले के बचे सो किसानों को टोकन बांटे गए, इसके बाद पहले उन्हें खाद दिया गया और इसके बाद आज के टोकन बाटे गए। इस कारण किसानों को गलतफहमी हो गई। खाद की वैसे हमारे यहां कोई कमी नहीं है। किसानों को पर्याप्त खाद मुहैया कराया जा रहा है।
शिवम उपाध्याय, तहसीलदार खनियाधाना।