करैरा। दहेज को टाटा-बाय-बाय कर की अपनी बेटी की 17 मिनट में शादी संपन्न कराई। बताया गया है कि 17 मिनिट में सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं की आराधना करके ही यह विवाह संपन्न किया गया। इसके साथ ही एक पिता ने बताया कि मैंने अपनी 3 बेटियों की शादी इसी प्रकार की हैं क्योंकि मुझे बेटियों से बहुत लगाव हैं और मैं सभी समाज,भाई-बंधुओं को यहीं संदेश देना चाहता हूं कि हमारी बेटी हमारे लिए कोई बोझ नहीं हैं कि हम उन्हें पैसों में बेच दे,या खरीद लें। हमारी बेटियां हमारे लिए गौरव हैं,हमारी हिम्मत हैं।
शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग के सिरसौद के रहने वाले लालू राम दास ने बताया कि मैंने आध्यात्मिक ज्ञान को समझते हुए संत रामपाल जी महाराज के बताए रास्ते पर चलते हुए यह शादी संपन्न कराई,दहेज प्रथा के कारण बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता हैं। हम प्रतिदिन दहेज के कारण बेटियों का प्रताड़ित होते देख रहे है। कानून में भी दहेज देना और लेना अपराध है। यह सामाजिक क्रप्रथा है ओर संत रामपाल का रास्ता इस कुप्रथा को बंद करता है।
इसीलिए मैंने संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को समझा,और मैंने सोचा कि समाज हित में कदम बढ़ाया और मेरे अपने सभी बच्चों की शादी इसी प्रकार की हैं,मेरे यहां 3 बेटे और 2 बेटियां हैं तथा यह मेरी सबसे छोटी बेटी हैं मैंने उसकी भी बिना दहेज के शादी रामायणी विवाह किया।
इस विवाह में केवल 17 मिनट लगते हैं ना ही कोई माला,ना ही कोई फेरे,बस 17 मिनट में सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं की आराधना करके यह विवाह संपन्न हो जाता हैं। वहीं दुल्हन शिवानी दासी ने बताया कि हम 2017 से संत रामपाल जी महाराज से जुड़े हुए हैं और हमारे परिवार की सोच बहुत अच्छी हैं।
उन्होंने हम बहनों को कभी भी बोझ नहीं समझा,बल्कि सभी माता-पिता को यह संदेश देना चाहा कि जो बेटियों को कोख में मार दिया जाता हैं भ्रूण हत्या जैसे पाप किये जाते हैं उन सब पर रोक लगा दी जाये। इसीलिए यह रामायणी विवाह कराया गया। यह बिल्कुल दहेज मुक्त विवाह हैं और मैं बहुत खुश हूं इस विवाह से,मेरी सभी माता -पिता से प्रार्थना हैं कि अपनी बेटियों को बोझ ना समझते हुए यहां विवाह कराया जा सकता हैं।
अपनी बेटियों को दहेज के बदले ना सौंपे किसी को भी
दुल्हे ने कहा कि मैं इस विवाह से बहुत खुश हूं और बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं मैं एक पढ़ा लिखा नागरिक हूं और बीएससी फाइनल कर चुका हूं मेरी दहेज के खिलाफ ही सोच हैं। इसीलिए मैंने शिवानी से रामायणी विवाह किया। तथा मैं उन सभी माता-पिता या युवाओं से कहना चाहती हूं कि अपनी बेटियों को बोझ ना सकते,क्योंकि अच्छा घर के लालच में आप दहेज देकर विवाह तो कर देते हो,फिर उन बच्चियों के साथ जो होता हैं वह आप सोच भी नहीं सकते, बेटियों को मार देते हैं या फिर वह खुद परेशान होकर सुसाइड कर लेती हैं। इसीलिए रामायणी विवाह बेस्ट हैं।
पुलिस में हैं शिवानी के पिता
बता दें कि शिवानी के पिता पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर ग्वालियर में पदस्थ हैं यानि एक जागरूक नागरिक हैं। इसीलिए उन्होंने बिना दहेज के अपने सभी बच्चों का रामायणी विवाह कराया।