शिवपुरी। दिसंबर में अब महज छह दिन तक और शुभ कार्य होंगे। इसके बाद आठवें दिन से एक माह के लिए रोक लग जाएगी। 15 दिसंबर से धनुर्मास (खरमास/मलमास) लग रहा है। इससे एक बार फिर शादियों पर रोक लग जाएगी। खरमास 14 जनवरी तक रहेगा। 15 दिसंबर की रात 10:11 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ खरमास शुरू हो जाएगा।
14 जनवरी 2025 को सुबह 8:55 बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही शुभ व मांगलिक कार्यों से रोक हट जाएगी। पंडित रिंकू शर्मा ने बताया कि सूर्य के बृहस्पति की धनु राशि में गोचर करने से खरमास शुरू होता है।
यह स्थिति मकर संक्रांति तक रहती है। शादी, जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश सहित सभी
मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। वर को सूर्य का बल और वधू को बृहस्पति का बल होने के साथ ही दोनों को चंद्रमा का बल होने से ही विवाह के योग बनते हैं।
इस पर ही विवाह की तारीख निर्धारित होती है। इस बार सूर्य देव धनु राशि में बाघ पर सवार होकर प्रवेश करेंगे। इनका उपवाहन अश्व रहेगा। संक्रांति नक्षत्र का नाम घौरा रहेगा। जिससे आगामी दिनों में सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए विशेष ध्यान देने वाले योग बनेंगे।
नई योजनाओं की सौगात भी दे सकती है।
पंडित शर्मा के मुताबिक जब गुरु की राशि धनु में सूर्य आते हैं तब खरमास का योग बनता है। वर्ष में दो मलमास लगते हैं, जिनमें पहला धनुर्मास और दूसरा मीन मास में आता है। यानी सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है तब खर या मलमास होता है। क्योंकि सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं। इसलिए सूर्य के गुरु की राशि में प्रवेश करने से विवाह संस्कार आदि कार्य निषेध माने जाते हैं।
खरमास के बाद शुभ मुहूर्त
16 जनवरी को नौ रेखीय
18 जनवरी को छह रेखीय
19 जनवरी को सात रेखीय
21 व 30 को नौ रेखीय
22 जनवरी को छह रेखीय
फरवरी में शुभ मुहूर्त कलेंडर
18 फरवरी को छह रेखीय
03 फरवरी को सात रेखीय
04 फरवरी को आठ रेखीय
20 फरवरी को आठ रेखीय
06 फरवरी को सात रेखीय
07 फरवरी को सात रेखीय
14 फरवरी को सात रेखीय
15 फरवरी को सात रेखीय
20 फरवरी को सात रेखीय
21 फरवरी को सात रेखीय
25 फरवरी को सात रेखीय