शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम में कन्वर्ट करने की तैयारी चल रही है। 2 साल पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी में आयोजित हुई एक चुनावी सभा में की थी,इस घोषणा को अमली जमा पहनाने के लिए शिवपुरी से आनन-फानन में एक प्रस्ताव बनाकर नगरीय निकाय को भेजा गया था,लेकिन भेजे गए इस प्रस्ताव में कई प्रकार की त्रुटि और अव्यवहारिकता थी इस कारण इस प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया गया था।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका शिवपुरी ने पुन:अब ओर नया प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा है। इस प्रस्ताव में अब नगर निगम की सीमा सिकुड गई है और शिवपुरी ग्रामीण का वह क्षेत्र नही लिया गया है जिसमें वन विभाग से सीमाएं जुड़ी है या गुजरी हो।
हटाए गए 60 गांव
नगर पालिका ने इस बार जो प्रस्ताव बनाकर भेजा है। उसमें 18 ग्राम पंचायतो व 37 गांव शामिल किए है और शहर से इनकी अधिकतम दूरी 15 किमी तक है। जबकि पहले जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें 42 ग्राम पंचायते व 97 गांव शामिल किए गए थे और इनकी दूरी 20 किमी से अधिक थी।
यह था पूर्व का प्रस्ताव
पहले गए प्रस्ताव में सतनवाड़ा से लेकर कोटा भगोरा पंचायतों को भी जोड़ा गया था। इधर इन पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने से यहां के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि विरोध करने वाले थे और उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन देकर उनकी ग्राम पंचायतों को प्रस्ताव से हटाने की मांग की थी।
इसके बाद भोपाल स्तर से जो पहला प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें कई कमियां होने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया और शिवपुरी नगर पालिका प्रशासन से दूसरा प्रस्ताव मांगा गया था। इस पर से नगर पालिका ने तीन माह पूर्व नया प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेज दिया है।
नगर निगम के लिए 3 लाख की आबादी होना जरूरी
बता दें कि नगर निगम बनाने के लिए 40 से अधिक वार्ड व 3 लाख की आबादी होना बहुत जरूरी है। इसके बाद भी किसी नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिलता है। इस बार जो नया प्रस्ताव भेजा गया है। उसमें वर्तमान 2024 में शहर की आबादी 2 लाख 36 हजार 26 है जबकि जिन ग्राम पंचायतो व गांव को शामिल किया है, उनकी आबादी 39 हजार 18 है।
ऐसे में शहर व गांव को जोडकर कुल आबादी 2 लाख 95 हजार 43 भेजी गई है। यह तीन लाख के करीब है। हालांकि कई छोटे नगर निगम ऐसे भी है जहां की आबादी 3 लाख से कम है। इसलिए इस बार जो प्रस्ताव गया है। उससे यह नगर पालिका नगर निगम में तब्दील हो सकती है।
इन गांव व पंचायतों को किया शामिल
प्रस्ताव में जिन 18 ग्राम पंचायतो को शामिल किया है। उनमें चिटोरा, चंदनपुरा, नोहरीकलां, मुढेरी, सिंहनिवास, ठर्रा, दरौनी, ईटमा, पिपरसमां, तानपुर, टोंगरा, रातौर, रायश्री, सतेरिया, बांसखेड़ी, बड़ागांव, सुहारा व कोडावदा शामिल है। जबकि 37 गांव में चिटोरा, चंदनपुरा, विनेगा, नोहरीकलां, मुढेरी, सिंह निवास, ठर्रा, ठरी, खार, दर्रोनी, हाजीखेड़ी, जसराजपुर, पूरनडाना, रामखेड़ी, ईटमा, छिरेंटा, किरौली, रायचंदखेड़ी, पिपरसमां, तानपुर, तानपुर झंड, टोंगरा, रातौर, रायश्री, सतेरिया, मुढेनी, बांसखेड़ी, ककरवाया, बड़ागांव, सुजवाया, सुहारा, मेदेवाली, मानकपुर, मालखेड़ी, गिरमोरा, कोडावदा, कबीरखेड़ी शामिल है। इन ग्राम पंचायती व गांव की शहर से दूरी न्यूनतम किमी से लेकर अधिकतम 15 किमी है।
नगर निगम बनते ही बढ़ जाएगी शक्तियां
नगर निगम में आयुक्त और महापौर नियुक्त होंगें
अभी नगर पालिका में जहां अधिकारी के तौर पर सीएमओ व नगर पालिका अध्यक्ष होते है। नगर निगम बनते ही यहां पर आयुक्त व महापौर नियुक्त होंगे। अभी जो बजट है वह भी तीन से लेकर 5 गुना हो जाएगा। परिषद को जो शक्तिंया है, वह भी बढ़ जाएगी। स्टॉफ से लेकर अन्य अधिकारी भी अधिक संख्या में जाएगें। इसके अलावा नगर निगम बनते ही कई नई व बड़ी योजनाएं शहर को मिलेगी जिससे बाहर का तेजी से विकास हो पाएगा।
इनका कहना है
नगर पालिका ने कुछ माह पूर्व ही नया प्रस्ताव बनाकर भोपाल कार्यालय को भेज दिया है। हम पर भी उस पर नजर बनाए हुए है। हालांकि थोड़ा बहुत समय तो इस काम में लगेगा, लेकिन हमारा प्रयास है कि जल्द शिवपुरी को नगर निगम का दर्जा मिल जाए। रविन्द्र चौधरी, कलेक्टर, शिवपुरी।