SHIVPURI NEWS - कोलारस मंडी: लिखी हुई स्क्रिप्ट के तहत की होता है किसान और व्यापारियों के बीच विवाद

Bhopal Samachar

हार्दिक गुप्ता @ कोलारसनामा। शिवपुरी जिले की कोलारस उपज मंडी में आए दिन किसानों और व्यापारियों का विवाद की खबरें कुछ दिनो से मिल रही है। मंडी में विवाद होने के कारण खरीदी रुक जाती है,प्रशासनिक अधिकारियों को मंडी में पहुंचना पड़ता है,लेकिन यह विवाद क्यों होता है सामने से तो इसका कारण स्पष्ट दिखाई देता है कि किसी बात पर किसान और व्यापारी में विवाद हुआ लेकिन यह विवाद प्रबंधन के द्वारा लिखी गई स्क्रिप्ट के तहत होता है इसमें व्यापारियों और प्रबंधन को फायदा होता है और किसान लूट जाता है।

समझे पहले इस प्लांट विवाद को

मंडी में जब भी रेट या किसी कारण को लेकर विवाद हो जाता है,व्यापारी नाराज होकर खरीदी बंद कर देते है,वर्तमान में कोलारस की उपज मंडी में प्रतिदिन किसानों की उपज के सैकड़ों ट्रैक्टर आ रहे है,किसान घंटो लाइन में लगा रहता है और जब जाकर उसका नंबर आता है।

ऐसे में विवाद होता तो मंडी में खरीदी रूकती है,किसान को इस विवाद के कारण मानसिक परेशानी आती है वह पूर्व से ही घंटो खड़े रहने के कारण मानसिक रूप से टूट जाता है,फिर यहां शुरू हो जाता है व्यापारियों के वर्करों का काम,वह किसान से अपनी फसल को अन्य कही बेचने के लिए राजी कर लेते है लालच दिया जाता है कि मंडी से ज्यादा दाम और काम भी तत्काल हो जाऐगा।

इन सब बातो मे किसान फंस जाता है और किसान का वाहन व्यापारी के द्वार आ जाता है,यह फसल धर्म कांटे पर नही तौली जाती है यहां किसान की फसल को तोल काटे पर गडबडी कर दी जाती है। यहां किसान को चूना लगा दिया जाता है। सरकार किसानों की उपज तौलने के लिए मंडी में बेचने और तौल कराने के लिए विशेष जोर दिया जाता है कि मंडी मे धर्म कांटा लगा होता।  
 

 मंडी में रजिस्टर्ड व्यापारी ही कर सकता है खरीदी

स्थानीय कृषि उपज मंडी में इन दिनों सौदा पत्रक का खेल भी चल रहा है उल्लेखनीय है कि सौदा पत्रक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसान अपनी उपज अपनी मर्जी से कहीं भी किसी भी  व्यापारी को घर से विक्रय कर सकता है। व्यापारी को उस खरीदे हुए अनाज की जानकारी कृषि उपज मंडी प्रशासन को देना होती है।

इस प्रक्रिया में मंडी मे रजिस्टर्ड व्यापारी ही शामिल हो सकता है इस खरीदी गई उपज का व्यापारी मंडी को निर्धारित टैक्स भी देता है। जबकि समानांतर मंडी चला रहे व्यापारियो के यहां ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लाईन देखी जा सकती है जिसके एवज में मंडी प्रशासन का चोरी किए गए टैक्स से प्रति बोरी के हिसाब से हिस्सा बंधा हुआ है।

जिम्मेदारों पर आरोप,कर रहे वसूली

शहर के कुछ व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंडी कर्मचारियों की जानकारी में सब कुछ रहता है, वह जब भी आते है अपना हिस्सा लेकर चले जाते है। यह फिक्स कर लिया गया है कि 20 रुपए कट्टे के मान से यानि 40 रुपए बोरी जिम्मेदार अवैध रूप से वसूल रहे है चूंकि व्यापारियों को  नगर में ही व्यापार करना होता है, इसलिए मंडी कर्मचारियों से कोई पंगा नहीं लेना चाहते।