एक्सरे @ ललित मुदगल शिवपुरी। शिवपुरी शहर और पास के गाँव में अवैध कॉलोनी के काटने का सिलसिला अभी थम भी नहीं है। हालांकि प्रशासन कई अवैध कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई कर चुका है। मामला शिवपुरी ग्रामीण के हल्के में अवैध कॉलोनी के निर्माण का संज्ञान में आया है। इस कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का नया प्लान इजाद करते हुए इस कॉलोनी को बेचा जा रहा है,सीधे शब्दों में कहे तो नियम पर नियम को लडा दिया गया है और एक 32 बीघा से अधिक में अवैध कॉलोनी का निर्माण कर दिया है।
मामला शिवपुरी ग्रामीण में स्थित ककरवाया हल्के मे जेल के पास एक प्रेम नगर के नाम से अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। इस कॉलोनी को बेचने के लिए एक शानदार गेट का निर्माण कराया गया है। कॉलोनी में रोड भी बना दी गई वह सुंदर दिखाने के लिए गार्डन भी कॉलोनाइजर बना रहा है। कुल मिलाकर एक सुंदर रोड,गार्डन और रोड इस कॉलोनी में बनाई गई है।
प्रशासन की आंखों में धूल-नियम पर नियम भारी
नियमनुसार कॉलोनी के निर्माण के टीएनसी,रेरा और स्थानीय प्रशासन से अनुमति आवश्यक है। इसके बाद ही कालोनीनाईजर इस कॉलोनी में प्लाटिंग कर सकता है,लेकिन प्रेम नगर में चौडी-चौडी सडके ओर गेट बनाया गया है लेकिन टीएनसी और रेरा तो बहुत दूर की बात है इसका डायवर्सन भी नहीं कराया गया है।
यहां पर कॉलोनी नाईजर ने 10 हजार और 11 हजार फुट से अधिक की प्लाट बेचे है और नियम के अनुसार 10 हजार से अधिक की भूमि को खेती की जमीन मानते हुए उस पर कॉलोनी के नियम लागू नही होते है। शासन के इस नियम पर कॉलोनाइजर ने नियम लगा दिया और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है।
लेकिन-सवाल बडा है यहां क्यों बना प्रशासन गंधारी
यहां यह बात तो सत्य है कि इस कॉलोनी में 10 हजार से अधिक की भूमि की ही रजिस्ट्री हुई है। प्लाटिंग नहीं की गई लेकिन पिछले कुछ माह पूर्व शिवपुरी शहर में प्रशासन ने ऐसी कॉलोनी पर कार्रवाई करते हुए सडके उखाड़ दी थी जिनमें किसी भी प्रकार की जमीन नहीं बेची गई थी लेकिन रोड डाली जा रही थी और जमीन को कवर किया गया था। फिर भी प्रशासन ने यह मानते हुए कॉलोनी की सड़क उखाड़ दी थी कि आगे चलकर इस स्थान पर अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा सकता है।
यहां एक सवाल का जन्म होता है कि जेल के पास बस रहे प्रेम नगर में तो गेट का निर्माण किया गया है जिसका डिजाइन आवासीय परिसर जैसा है,सड़क भी पक्की डाली गई है और कॉलोनी के हिसाब से ही गार्डन तैयार किया गया है फिर प्रशासन ने इस कॉलोनी नाईजर को अभय दान क्यो दिया है यह सवाल सबसे बड़ा अहम है और सबके सामने खड़ा है। क्या प्रशासन की आंखों में भ्रष्टाचार की पट्टी चढा दी गई है इसलिए वह गंधारी बना है।
मध्य प्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का पंजीकरण, नियम और शर्तें) नियम, 1998
ख) "उपनिवेशक" का तात्पर्य विकास प्राधिकरण, रजिस्ट्रार द्वारा पंजीकृत कोई सोसायटी, सहकारी सोसायटी, फर्म और सोसायटी या किसी अन्य पंजीकृत संस्था से है, जिसमें ऐसा कोई व्यक्ति या संस्था सम्मिलित है जो ऐसी कालोनी की स्थापना का कार्य अपने हाथ में लेना चाहता है जो [कृषि भूमि सहित भूमि को भूखण्डों या समूह आवासों में विभाजित करने के प्रयोजन के लिए] विकसित की गई हो और ऐसे भूखण्डों को ऐसे व्यक्तियों को हस्तांतरित करना चाहता हो जो निवास के लिए आवासीय या गैर आवासीय या संयुक्त निवास का निर्माण करने के इच्छुक हों और जिनका उपनिवेशक के रूप में पंजीकरण इन नियमों के अधीन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया गया हो।
झ) "आंतरिक विकास कार्य" से तात्पर्य निर्धारित मानकों के अंतर्गत कॉलोनी की सीमा के भीतर किए जाने वाले निम्नलिखित विकास कार्यों से है:-
(i) समतलीकरण;
(ii) प्रस्तावित सड़कों और लेआउट में स्वीकृत भूखंडों का सीमांकन;
(iii) प्रस्तावित सड़क का निर्माण (आईआरसी मानकों के अनुसार);
(vi) प्रस्तावित नाले का निर्माण, यदि विद्यमान हो तो मौजूदा नाले का केबलीकरण (पीएचई मानकों के अनुसार)
(vii) आंतरिक जल आपूर्ति प्रणाली का कार्यान्वयन (पीएचई मानकों के अनुसार);
(viii) आंतरिक सीवेज लाइन का निर्माण (पीएचई मानकों के अनुसार);
(ix) सेप्टिक लैंक का निर्माण (यदि प्रस्तावित हो) (पीएचई मानकों के अनुसार);
(x) आंतरिक विद्युत प्रणाली के अंतर्गत विद्युत पोलों का निर्धारण (एमपीईबी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार)
अगर नियमों पर गौर किया जाए तो यह प्रेम नगर का निर्माण कॉलोनी के रूप में ही किया जा रहा है। इस कॉलोनी की जमीन पर पिछले 4 साल से खेती नहीं की गई है। इससे सिद्ध होता है कि यह पूर्ण रूप से प्लानिंग करके एक अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। जिस व्यक्ति ने 10 हजार या उससे अधिक भूखंड इस कॉलोनाइजर से खरीदा है वह अवश्य ही उसको काट काट कर छोटे छोटे भूखंडों के रूप में क्रय करेगा। और यह काम इतने धीरे से होगा कि प्रशासन को भनक तक नहीं लगेगी,जो व्यक्ति यहां छोटे प्लाट खरीदेगा और मकान का निर्माण करा लेगा और आगे चलकर यह यह प्रेम नगर शिवपुरी जिले की अवैध कॉलोनी का एक नंबर होगा।
इनका कहना है
प्रेमनगर कॉलोनी की जांच कराई जाएगी,अगर कॉलोनी बनाकर बेचने का प्रयास है तो जुर्माना और एफआईआर का प्रावधान है और प्रशासन इस भूखंड को अपने कब्जे में भी ले सकता है ऐसा प्रावधान है।
उमेश कौरव एसडीएम शिवपुरी