SHIVPURI NEWS - डेंगू के मामले में लापरवाही का ब्रांड बना शिवपुरी जिला, डेंगू से तीसरी मौत

Bhopal Samachar

एक्सरे शिवपुरी। शिवपुरी जिले मे डेंगू से तीसरी मौत का मामला प्रकाश में आया है,इस मौत के मामले में भी स्वास्थय विभाग अपनी गलती मानने को स्वीकार नहीं है। जिला अस्पताल की लापरवाही के कारण एक परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया है,इससे पूर्व पिछोर तहसील में निवास करने वाली एक 50 साल की महिला की मौत डेंगू के चलते ग्वालियर में इलाज के दौरान हो गई थी,वही बामौरकला में रहने वाले एक साढ़े चार साल के बालक की मौत भी डेंगू के कारण हुई थी।

अब शिवपुरी शहर के फतेहपुर में निवास करने वाले एक 12  साल के बालक की मौत भी डेंगू से हुई है,तीनो मामले में शिवपुरी जिले की इलाज के दौरान जांच में डेंगू नहीं आया है वही इसके बाद महानगरों के इलाज के दौरान हुई जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है,सवाल बस इतना सा है कि इन तीनों मरीजो का प्राथमिक इलाज शिवपुरी जिले में ही हुआ था,लेकिन शिवपुरी जिले के डॉक्टर डेंगू को नहीं पकड़ पाए और जब तक डेंगू जानलेवा हो गया और तीन लोगों के प्राणो को हार लिया।

पहले पढे तत्कालिन मामले को

कृष्णपुरम कालोनी निवासी आराध्य पुत्र अभय त्रिपाठी उम्र 12 साल की 20 अक्टूबर को तबीयत खराब हुई थी। इस पर अभय ने अपने बेटे का प्राइवेट इलाज करवाया। इसके बाद जब उसकी हालत बिगड़ती चली गई और उसे खून की उल्टियां होने लगीं। इसके बाद 26 अक्टूबर को आराध्य को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां बच्चा 27 अक्टूबर तक भर्ती रहा, परंतु डॉक्टरों ने उसकी तबीयत लगातार बिगड़ने के बावजूद उसका डेंगू या किसी अन्य प्रकार का कोई टेस्ट करवाने की जहमत नहीं उठाई।

27 अक्टूबर की रात आराध्य को गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया गया। ग्वालियर में 27-28 अक्टूबर की रात भर्ती कराया गया। 28 अक्टूबर को आराध्य का डेंगू टेस्ट किया गया। 29 को बच्चे की डेंगू पाजीटिव पाए जाने की पुष्टि हुई। डॉक्टर ने वहां भी उसका उपचार जारी रखा, 03 नवंबर को आराध्य को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में रेफर किया गया। स्वजन जब उसे दिल्ली ले जा रहे थे तभी रास्ते में उसकी की मौत हो गई।

50 साल की महिला भी डेंगू का बनी थी शिकार

पिछोर के वार्ड 06 चांदनी चौक निवासी साधना उम्र 50 साल पत्नी राकेश पुरोहित की ग्वालियर में इलाज के दौरान बीते 11 अक्टूबर को मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि बुखार आने पर पिछोर अस्पताल ले गए थे। प्राथमिक इलाज कराने के बाद हालत बिगड़ती चली गई। इसलिए इलाज कराने झांसी ले गए। झांसी की प्राइवेट लैब में जांच कराने पर डेंगू पॉजिटिव निकला।साधना पुरोहित को ग्वालियर ले गए, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई ।

इधर स्वास्थ्य विभाग डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट से संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने के आधार पर महिला की मौत डेंगू से होने की बात नहीं स्वीकार नही की। सीएमएचओ डॉ.संजय ऋषिश्वर का कहना था कि है कि महिला के डेंगू पॉजिटिव से जुड़ी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है।


राम की भी हुई थी डेंगू से मौत

बीते 11 अक्टूबर को  बामौरकलां निवासी राम लखेरा उम्र 4.6 साल पुत्र अजीत लखेरा की डेंगू से  मौत हो गई थी । बच्चे ने कमलाराजा अस्पताल में सुबह करीब 5 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ा था। बच्चे के ताऊ चंद्रेश कुमार लखेरा ने बताया था कि तीन दिन पहले बच्चे को बुखार आने पर दवा दे दी थी। दवा से बुखार उतर गया और बच्चा खेलने-कूदने लगा था। बुधवार को माता मंदिर पर आरती में शामिल हुआ। घर आने पर बच्चे ने सोने की बात कही। तबियत बिगड़ने पर चंदेरी में जांच कराई तो प्लेटलेट्स कम आने पर डॉक्टर ने डेंगू बताया। इसके बाद हम बच्चे का इलाज कराने तुरंत ग्वालियर के लिए रवाना हुए।

दो प्राइवेट अस्पताल वालों ने इनकार किया, कमलाराजा में भर्ती कराया

बच्चे को ग्वालियर के दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में ले गए, जहां डॉक्टरों ने हालत देखकर बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। फिर बच्चे को कमलाराजा हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। पूरे समय बच्चा अच्छे से बात कर रहा था।

आधा यूनिट ही चढ़ सका खून, उल्टी के बाद बच्चे की मौत

ताऊ चंद्रेश कुमार लखेरा ने बताया कि बच्चे को खून की जरूरत थी, इसलिए उसने अपना खून दे दिया। बच्चे को गुरुवार की सुबह खून चढ़ाया जा रहा था। 5 बजे बच्चे को अचानक खून की उल्टी हुई और मौत हो गई। अजीत लखेरा की दो संतानों में बड़ी बेटी और छोटा बेटा राम था।