शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पीजी कॉलेज में स्टूडेंटस और प्रोफेसर के विवाद का मामला सामने आया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि प्रोफेसर ने उसे परीक्षा कक्ष में आधार कार्ड मांगने के बाद जातिसूचक गालियां दी और मारपीट तक करा दी। वही इस मामले में आज एसपी ऑफिस पहुंची हिन्दी की महिला प्रोफेसर ने बताया कि परीक्षा कक्ष तक मोबाइल नही ले जाने पर छात्र भड़क गया अभद्रता कर दी और आज अपने साथियों सहित मेरे घर तक पहुंच गया। दोनों पक्षों ने फिजिकल पुलिस को अपने आवेदन दिए है पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
पहले पढ़िए क्या आवेदन दिया स्टूडेंट ने
देवेन्द्र सिंह पुत्र गोपाल सिंह जाटव निवासी ग्राम बिजरौनी थाना इंदार ने बताया कि 26 नवंबर 2024 मंगलवार को सुबह 11 बजे मैं फिजिकल रोड पर स्थित पी जी कॉलेज पर बीएड तृतीय सेमेस्टर का कक्षा में बैठकर पेपर दे रहा था। तभी प्रोफेसर चेतन्य राजपूत आये और मुझसे मेरा नाम पूछा और मेरा आधार कार्ड देखने लगे। मैंने अपना नाम देवेन्द्र सिंह बता दिया जिसके बाद वह मुझसे मेरी जाति पूछने लगे तो मैंने अपनी जाति भी बता दी की सर में एससी से आता हूं में जाटव हूं।
जैसे ही सर को मैंने अपनी जाति बताई तो वह आग-बबूला हो उठे और मुझसे गालियां देने लगे वहीं मैंने सर से कहा कि सर आप मुझे गाली क्यों दे रहे हो तो प्रोफेसर ने बताया कि इस आधार कार्ड में सरनेम क्यों नहीं लिखा, इसके बाद चैतन्य सर ने 4 से 5 आरोपी किस्म के लोगों को फोन करके बुलाया और मुझे जाति सूचक गालियां देते हुए बोलने लगे कि तू चमार हैं को सरनेम सिंह क्यों लिखता हैं।
जिसके बाद मैंने सर से मना किया कि सर मुझे गालियां मत दो तभी उन्होंने मेरे सार लात-घूसों से मारपीट कर दी इसके साथ ही फोन से बुलाये अन्य 4 से 5 लोगों ने भी मेरी मारपीट की हैं।
हिन्दी के प्रोफेसर ने कहा स्टूडेंट्स मेरे तक पहुंच गया
इस मामले में आज बुधवार को एसपी ऑफिस पहुंची पीजी कॉलेज की सहायक हिन्दी प्रोफेसर राजवती किरार ने अपना शिकायती आवेदन एसपी शिवपुरी को सौंपा है। प्रोफेसर ने बताया कि मंगलवार को कॉलेज में परीक्षा थी और इस परीक्षा में स्टूडेंट देवेन्द्र सिंह को मोबाइल जाने से रोका गया तो उसने मेरे साथ विवाद करने लगा,वही मुझे धमकी देते हुए मेरे साथ अभद्रता कर दी।
इस विवाद को देखते हुए चैतन्य राजपूत सर आए और स्टूडेंट का मोबाइल परीक्षा कक्ष में ले जाने से मना करने पर उनके साथ झूमाझटकी कर दी। आज छात्र देवेन्द्र सिंह मेरे घर भी अपने साथियों सहित पहुंच गया।