शिवपुरी। शिवपुरी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी में अपनी ही जमा पूंजी को निकालने उपभोक्ताओं को अब जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की मदद लेनी पड़ रही है। ऐसी ही एक मामले में आयोग ने कोऑपरेटिव बैंक की सेवा में कमी मानते हुए खाताधारक दंपती को 3.31 लाख रु. चार समान किस्तों में ब्याज सहित भुगतान के आदेश दिए हैं।
अभियोजन के अनुसार कान्हा कुंज कॉलोनी शिवपुरी निवासी बृजेश सत्यार्थी पुत्र होरीलाल सत्यार्थी ने अपने और पत्नी मधु सत्यार्थी के नाम से कोऑपरेटिव बैंक शिवपुरी में एक एफडी खाते में 86248 रु., दूसरे एफडी खाते में 1 लाख रु., चालू खाते में जमा 130228 रु. व बचत खाते में जमा 15521 रु. ब्याज सहित वापस दिलाने परिवाद दायर किया।
दपंती ने अपनी जमा पूंजी को भविष्य में अपने इलाज एवं बच्चों की शादी सहित अन्य जरूरतों के लिए को ऑपरेटिव बैंक में 25 मार्च 2016 को दो एफडी खातें, चालू व बचत खाते में जमा किए थे। दोनों एफडी मेच्योर (परिपक्व) हैं। दायर परिवाद में आवेदक ने वकील दीपक गुप्ता के माध्यम से तर्क रखा कि जुलाई में बेटी की शादी थी। बैंक से लगातार भुगतान का आग्रह करने के बाद भी राशि नहीं मिली। इस कारण बेटी की शादी कर्ज लेकर करना पड़ी।
मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद शर्मा एवं सदस्य राजीय कृष्ण शर्मा ने फैसला सुनाया है। बैंक ने समय पर भुगतान नहीं करके सेवा में कमी की है, इसलिए सहकारी बैंक आदेश दिनांक 8 नवंबर 2024 से दोनों एफडीआर की परिपक्वता राशि, चालू व बचत खाते में जमा राशि का ब्याज सहित भुगतान चार समान किस्तों में आगामी चार माह के अंदर आवेदक को अदा करे।
बैंक आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर आवेदकों को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए 1 हजार रु. एवं परिवाद व्यय 1 हजार रु. यानी कुल 2 हजार रु. अदा करे। यह राशि 45 दिन के अंदर अदा न करने पर 45 दिन पश्चात अदायगी दिनांक तक उक्त राशि पर 6% वार्षिक की दर से ब्याज भी देना होगा।
बैंक का तर्क : मौद्रिक कमी बताई
शाखा प्रबंधक प्रीति जैन की तरफ से शपथ पत्र पेश किया गया। बैंक की तरफ से पक्ष रखा कि बैंक में मौद्रिक कमी के चलते आवेदक की एफडीआर, चालू व बचत खाते में जमा राशि का एकमुश्त भुगतान करना संभव नहीं था। आवेदक को छोटे छोटे अमाउंट में एक अंतराल में शेष राशि वापस करने का प्रयास किया जा रहा है।
बैंक में अपना जमा पैसा निकालने तीन साल से परेशान
बृजेश सत्यार्थी का कहना है कि वह राजस्व विभाग ब्यावरा में जूनियर डाटा एंट्री ऑपरेटर हैं। जुलाई 2024 को कर्ज लेकर बेटी की शादी की। पिछले साल बेटे की भी शादी की थी। लोगों की उधारी चुकानी है। हम बैंक में जमा अपना ही पैसा निकालने के लिए तीन साल से परेशान हो रहे हैं। हर सोमवार को 1 या 2 हजार रुपए देते हैं, जिसके लिए लाइन में लगना पड़ता है। मजबूरी में आयोग की शरण में जाना पड़ा।