शिवपुरी। शिवपुरी में आज धूमधाम से गिर्राजधरण भगवान की पूजा घर घर हुई। इस बार गोवर्धन पर सबसे खास बात यह हुई कि सनातन धर्म के मानने वाले आमजन वाले तो हजारो वर्षो से भगवान गिरिराज जी पूजा गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज को बनाकर करते है,लेकिन इस बार सरकारी स्तर पर भी इस पूजा का कार्यक्रम रखा गया था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ऐलान पर शिवपुरी में हुई गोवर्धन पूजा में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय विधायक ने भी हिस्सा लिया। यहां गाय के गोबर से बनाए गए भगवान गोवर्धन की पूजा अर्चना कर कलेक्टर और शिवपुरी विधायक ने माथा टेका और गौ पूजन के साथ जिले, प्रदेश और देश की प्रगति की कामना की।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ऐलान पर जगह-जगह गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। यह पहली बार है, जब सरकारी तंत्र में गोवर्धन पूजा को स्थान दिया गया। इसी के तहत शिवपुरी के स्थानीय विधायक देवेन्द्र जैन, कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी और प्रशासनिक अधिकारियों ने शिवपुरी जनपद कीु पहुंचकर वाकड़े हनुमान मंदिर गौशाला में गोवर्धन पूजा की।
वाकड़े हनुमान मंदिर गौशाला परिषर में गोबर से भगवान गोवर्धन के आकार को बनाया गया। इस दौरान सतह पूजन की सभी व्यवस्था पहले से ही कर ली गई थी। यहां तय कार्यक्रम के अनुसार शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन भी पहुंचे। इसके बाद भगवान गोवर्धन की विधि विधान से पूजा अर्चना कर गौशाला में गौ पूजन भी किया गया।
आज से शुरू हुए अन्नकूट
शिवपुरी। दिपावली उत्सव का आज चौथा त्यौहार है आज 2 नवंबर शनिवार से शिवपुरी जिले में भगवान गोवर्धन की पूजा करने के बाद मंदिर पर अन्नकूट शुरू हो जाएंगे,शिवपुरी जिले सहित शहर में अन्नकूट एक सैकड़ा मंदिरों पर होंगे,यह अन्नकूट देवउठनी ग्यारस तक होगें,आज मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर शाम को दीपदान महोत्सव के बाद अन्नकूट का आयोजन किया रखा गया है।
गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का महत्व
अन्नकूट गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। जिसे कई तरह की सब्जियों और अन्न से तैयार किया जाता है। सब्जियों और अनाजों के इन समूह को ही अन्नकूट कहा जाता है। वैसे तो अन्नकूट में 56 तरह के भोग शामिल होते हैं। लेकिन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण के लिए सब्जियों और अनाज से अन्नकूट तैयार कर भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि, गोवर्धन पूजा में श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाने से घर पर कभी अन्न की कमी नहीं होती।
यह है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के घमंड को खत्म कर ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठा लिया था। कहा जाता है कि, श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को उंगली पर रखकर बिताएं और ब्रजवासियों की रक्षा की।
इसके बाद इंद्र देव को भी अपनी भूल का आभास हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण से माफी मांगी और बारिश रोक दी। मईया यशोदा ने ब्रजवासियों संग मिलकर श्रीकृष्ण के लिए 56 भोग तैयार किए थे। क्योंकि मईया यशोदा श्रीकृष्ण को एक दिन में आठ पहर भोजन कराती थीं। इसलिए एक सप्ताह और आठ पहर के अनुसार, मईया यशोदा ने 56 तरह के पकवान तैयार किए। इसे ही अन्नकूट कहा जाता है। इसलिए गोवर्धन पूजा में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है और श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
अन्नकूट पूजा विधि
गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही गोबर से एक लेटे हुए पुरुष की आकृति भी बनाएं। इसके आसपास चावल के आटे और रोली से सुंदर आकृतियां बनाकर इसमें अक्षत या आटा आदि भर दें। इसमें फूल, रोली, अक्षत आदि से पूजा करें। यहां गोबर से बनाएं पुरुष की नाभि मे दीपक रखकर जलाएं। धूप, नैवेद्य, फूल, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। फिर गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा करें। इस दिन लोग अपने मवेशियों गाय-बैल आदि की भी पूजा करते हैं।
शिवपुरी जिले का प्रसिद्ध है
शिवपुरी जिले में बनने वाला अन्नकूट प्रसिद्ध,अन्नकूट के महाप्रसादी की दीवानगी इस हद तक है कि लोग बिना बुलाए भी इस महाप्रसाद का पाने पहुंच जाते है,इस महाप्रसादी में निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है। विधि अनुसार वैसे तो अन्नकूट में 56 भोग लगाए जाते है,लेकिन शिवपुरी मे अन्नकुट में रामभाजा (सभी प्रकार की सब्जी) ,कडी,मीठा बाजरा,मूंग,चावल और पूड़ी परोसी जाती है। बाकी कई शहरों मे अन्नकूट में केवल राम भाजा की सब्जी और पूड़ी का प्रसाद ही दिया जाता है।