शिवपुरी। कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी में 1100 ट्रॉली प्याज व लहसुन बिकने आई, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई। लेकिन मंडी रिकार्ड में उस दिन सिर्फ 400 ट्रॉली की एंट्री पाई गई। प्याज-लहसुन प्रवेश, अनुबंध व तौल पर्ची की बजाय कोरे कागज पर खरीदे जाने पर एसडीएम जांच की।
कलेक्टर ने एसडीएम की जांच पर कार्रवाई का प्रस्ताव बनाकर मंडी बोर्ड भोपाल को भेजा। मामले में संयुक्त संचालक ग्वालियर ने मंडी एएसआई को निलंबित कर दिया है। मंडी सचिव को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है
जानकारी के मुताबिक मंडी बोर्ड ग्वालियर के संयुक्त संचालक आरपी चक्रवर्ती ने 20 नवंबर को शिवपुरी शिवपुरी मंडी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक अरविंद दुबे को निलंबित कर कृषि उपज मंडी समिति बीनागंज जिला गुना अटैच कर दिया है। यह कार्रवाई अप्रैल, मई एवं जून 2024 में प्याज-लहसुन खरीदी कच्ची पर्चियों व कोरे कागज पर एंट्री कराने के चलते हुई है।
मामले में एएसआई दुबे को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए निलंबित किया है। जबकि शिवपुरी मंडी सचिव देवेंद्र सिंह जादौन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल मंडी के भारसाधक अधिकारी एवं एसडीएम शिवपुरी ने प्याज व लहसुन की प्रतिदिन की ट्रॉलियां एवं मंडी रिकार्ड में दर्ज ट्रॉलियों में अंतर स्पष्ट किया।
कोरे कागज पर एंट्री करते मिले एएसआई दुबे
मंडी चैकपोस्ट पर अरविंद दुबे जो प्याज व लहसुन के प्रभारी थे, कोरे कागज पर एंट्री करते पाए गए। जिसका वीडियो बनाया। पूछने पर संबंधित द्वारा कागज से ही मंडी के सारे रिकार्ड तैयार करने की बात कही, जिससे स्पष्ट है कि जो रिकॉर्ड मंडी में है जो दुबे द्वारा अपने हिसाब से आवक दर्शाकर तैयार करवाया है। मंडी में कच्ची पर्ची व कोरे कागज पर एंट्री करना, जिसकी कोई प्रमाणिकता स्पष्ट रूप से मंडी नियमों में नहीं है।
मंडी समिति के औचक निरीक्षण में पाया कि जब इन्होंने ट्रॉलियों की गिनती करवाई तब 1100 ट्रॉलियां थीं और उसी दिन मंडी रिकार्ड में सिर्फ 400 ट्रॉलियों की एंट्री पाई गई। प्रमाण के रूप में शिवपुरी मंडी का वीडियो बनाया गया और पत्र भी उपलब्ध है। मामले में सचिव देवेंद्र सिंह जादौन को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है।
सचिव को जारी नोटिस में लिखा है कि प्याज व लहसुन की नीलामी के समय कोई अनुबंध जारी नहीं किया। व्यापारियों व आढ़तियों ने मिलकर कच्ची पर्ची दी जाती है। प्याज व लहसुन का भाव कच्ची पर्चियों के आधार पर मान्य कर मनमाने भाव से मंडी टैक्स वसूलकर व वास्तविक आवक को छिपाया।